Uttarakhand Tunnel Rescue: `सुरंग में नहीं चल रहा कोई काम, खाने को दे रहे हल्की चीजें`, मजदूरों के परिवारों का छलका दर्द

उत्तराखंड की सुरंग में फंसे लोगों को 7 दिन हो चुके हैं. अब तक उनके बाहर न आने से परिवार वालों का सब्र छलकने लगा है.

देविंदर कुमार Sat, 18 Nov 2023-10:31 pm,
1/8

आवाज होने लगी है कमजोर

उत्तराखंड में पिछले करीब एक सप्ताह से निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूर अब तक बाहर नहीं निकल पाए हैं. इससे बाहर मौजूद उनके परिजनों का धीरज जवाब देने लगा है. परिजनों ने बताया कि उन्होंने सुरंग में फंसे अपने लोगों से बात की तो उनकी आवाज कमजोर महसूस हुई और ताकत भी धीरे-धीरे कम रही थी. 

2/8

परिवारों में बढ़ रही है घबराहट

सुरंग में फंसे श्रमिकों में से एक सुशील के बड़े भाई हरिद्वार शर्मा ने बताया कि बाहर आने के इंतजार में किसी तरह समय काट रहे सुरंग में बंद लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है. इससे उनके परिवारों में घबराहट बढ़ती जा रही है.

3/8

सुरंग में नहीं चल रहा कोई काम

बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले हरिहर शर्मा ने बताया, ‘हमें अधिकारियों से बस आश्वासन मिल रहा है कि फंसे श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा. अब करीब एक सप्ताह हो चुका है लेकिन अब भी कोई खबर नहीं है.’ आंखों में आंसू लिए शर्मा ने कहा, ‘सुरंग के अंदर कोई काम नहीं चल रहा है. न तो कंपनी और न ही सरकार कुछ कर रही है. कंपनी कह रही है कि मशीन आने वाली है.’

4/8

अच्छी खबर पाने के लिए बेचैन

सिलक्यारा सुरंग के बाहर प्रतीक्षारत लोगों में उत्तराखंड के कोटद्वार के गब्बर सिंह नेगी का परिवार भी है. उनके दो भाई-महाराज सिंह और प्रेम सिंह तथा पुत्र आकाश सिंह घटना की सूचना मिलने के बाद से मौके पर हैं और किसी अच्छी खबर पाने के लिए बेचैन है. महाराज सिंह ने कहा कि उन्होंने आक्सीजन की आपूर्ति वाले पाइप के जरिए गब्बर सिंह से बात की थी और उनकी आवाज काफी कमजोर लग रही थी.

5/8

फंसे लोगों को खाना- पानी की कमी

उन्होंने कहा, ‘मैं अपने भाई से बात नहीं कर पाया. उसकी आवाज बहुत कमजोर लग रही थी. वह सुनाई ही नहीं दे रही थी. सुरंग में बचाव कार्य रूक गया है. फंसे हुए लोगों के पास खाने और पानी की भी कमी है. हमारा धैर्य जवाब दे गया है.’

6/8

धीरज खोने लगे हैं परिवार के लोग

गब्बर सिंह नेगी के दूसरे भाई प्रेम ने कहा कि फंसे हुए लोग अब उम्मीद खोने लगे हैं. उन्होंने कहा,‘फंसे हुए लोगों को खाने के लिए चना, खीर और बादाम जैसी हल्की चीजें दी जा रही हैं. इन चीजों से कब तक चलेगा.’ 

7/8

भारत चांद पर लेकिन सुरंग से नहीं निकाल पा रहे

गब्बर के पुत्र आकाश ने कहा, ‘भारत डिजिटल हो गया है. वे भारत के चंद्रयान मिशन की सफलता की बात करते हैं, लेकिन अपने फंसे हुए लोगों को एक सप्ताह में बाहर नहीं निकाल पाए.’ उन्होंने कहा कि सुरंग में कोई काम नहीं चल रहा है और अंदर कोई इंजीनियर भी नहीं है . उन्होंने कहा कि केवल पाइप के जरिए खाना और पानी भेजने वाले लोग सुरंग में आ-जा रहे हैं.

8/8

12 नवंबर को ढह गई थी सुरंग

बताते चलें कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर की सुबह ढह गया था जिससे उसके अंदर 41 श्रमिक फंस गए थे. मलबे को भेदकर उसमें स्टील पाइप डालकर रास्ता बनाए जाने के लिए लाई गई शक्तिशाली अमेरिकी आगर मशीन में कुछ खराबी आने के कारण शुक्रवार दोपहर से अभियान रुक गया था. इसके बाद से श्रमिकों के परिजनों की बेचैनी बढ़ने लगी है. 

(एजेंसी इनपुट)

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link