आपकी बॉडी में चार हार्मोंस हैं जो आपको रखते हैं खुश, जानना है बेहद जरूरी
आज के समय में हर कोई यह जानना चाहते हैं कि आखिर खुश रहना कैसे सीखें? ये सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है और ऑनलाइन भी इसकी तलाश खूब होती है. लेकिन इंटरनेट पर इसकी ढेर सारी एडवाइस भी मौजूद हैं, जिनमें से ज्यादातर फिजूल की होती हैं. खुशी से मतलब होता है अच्छा मूड और खुद को अच्छा महसूस करना. पर अक्सर खुश रहने के लिए हम बाहर की चीजों पर निर्भर रहते हैं, जबकि असल में खुशी आपके भीतर ही मिलती है. बेहद ही कम लोगों को पता है कि हमारे शरीर में चार हॉर्मोन - डोपामाइन, ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन और एंडॉर्फ़िन मिलकर हमारा मूड और सुख-दुख बैलेंस करते हैं. टीओआई में छपी खबर के मुताबिक आइए जानते हैं इनके बारे में.
एंडॉर्फ़िन
एंडॉर्फ़िन: दर्द कम करते हैं, तनाव दूर करते हैं और खुशी का एहसास बढ़ाते हैं.
क्या करें: अगर हो सके, तो हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) और स्टैमिना बढ़ाने वाले खेलों को खेलें. खूब हंसें, नाचें, वो करें जो आपको अच्छा लगे. डार्क चॉकलेट और मसालेदार खाना खाएं, लेकिन इन्हें संतुलित मात्रा में ही लें. क्रिएटिव बनें, लिखें या पेंट करें.
क्या न करें: अच्छे लोगों से दूर न रहें, कोई शौक न रखने का मजाक न उड़ाएं. संतुलन बनाना जरूरी है.
डोपामाइन
डोपामाइन: दिमाग के उन क्षेत्रों को सक्रिय करता है जो खुशी और संतुष्टि की भावना पैदा करते हैं.
क्या करें: छोटे-छोटे कामों को पूरा करें, ताकि ऐसा लगे कि आप उन सभी कामों को पूरा कर पा रहे हैं जिनको आपने टार्गेट बना रखा है. नियमित रूप से व्यायाम करें. अच्छा खाना खाएं. पर्याप्त नींद लें.
क्या न करें: सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल, जंक फूड से दूरी बनाएं. ज्यादा देर तक रेस्ट न करें, जरूरत से ज्यादा काम न करें.
ऑक्सीटोसिन
ऑक्सीटोसिन: अच्छा सामाजिक व्यवहार बढ़ाता है, तनाव कम करता है.
क्या करें: अपने करीबी दोस्त या परिवार के सदस्यों के साथ अच्छा रिश्ता बनाएं, उनके साथ समय बिताएं और अच्छी बातचीत करें. गले मिलें या पीठ थपथपाएं. दयालु बनें, मदद करें. पालतू जानवर रखें, उनसे प्यार करें और उनके साथ अपनापन बढ़ाएं.
क्या न करें: सामाजिक गतिविधियों और लोगों से दूर न रहें. खुद को अलग-थलग करने वाली जिंदगी न जिएं.
सेरोटोनिन
सेरोटोनिन: मूड स्थिर रखता है, नींद और पाचन को संतुलित करता है।
क्या करें: हर रोज धूप में जरूर बैठें. नियमित एरोबिक एक्सरसाइज करें. ट्रिप्टोफैन से भरपूर आहार लें: अखरोट, पनीर, रेड मीट, चिकन, मछली, जई, बीन्स, दाल, अंडे और विटामिन से भरपूर फल, सब्जियां और साबुत अनाज. ध्यान और योग करें.
क्या न करें: एक्सरसाइज और खाने-पीने में अनियमित न रहें. तनाव और नकारात्मक सोच के असर को कम न समझें.