Who is Sarabjot Singh: पिता किसान...फुटबॉलर बनना चाहते थे मेडल विनर सरबजोत, ये है शूटर बनने की दिलचस्प कहानी

Who is Sarabjot Singh: पेरिस ओलंपिक में भारत को शूटिंग में लगातार दूसरा मेडल मिला है. मनु भाकर ने पहले विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. उसके बाद उन्होंने 10 मीटर मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर यह मेडल जीता. मनु भाकर 2 ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की तीसरी खिलाड़ी बन गई हैं. इसके अलावा वह एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली आजादी के बाद भारत की पहली खिलाड़ी है. मनु भाकर की चर्चा तो काफी हो रही है लेकिन उनके दूसरे मेडल के साथी सरबजोत के बारे में काफी कम बात हो रही है. हम आपको यहां उनकी कहानी बता रहे हैं...

रोहित राज Tue, 30 Jul 2024-5:57 pm,
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सिंगल्स में हारे, मिक्स्ड इवेंट में जीते

सरबजोत तीन दिन पहले सिंगल्स में हार गए थे. उस निराशा से उबरने की चुनौती का सामना कर रहे सरबजोत ने कहा कि उन पर अच्छा प्रदर्शन करने का काफी दबाव था. उन्हें इस मुकाबले में मनु भाकर का बेहतरीन साथ मिला. दोनों ने मिलकर कोरियाई चुनौती को समाप्त किया और ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया.

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फुटबॉलर बनना चाहते थे सरबजोत

सरजबोत पहले शूटिंग में नहीं आना चाहते थे. वह फुटबॉलर बनना चाहते थे. 13 साल की उम्र में सरबजोत फुटबॉल में आगे बढ़ना चाहते थे. अंबाला के भगीरथ पब्लिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान गर्मी छुट्टी कैंप में कुछ ऐसा हुआ कि सरबजोत का करियर बदल गया.

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गर्मी छुट्टी में बदल गया मन

सरबजोत ने गर्मी छुट्टी कैंप में कुछ बच्चों को एक अस्थायी रेंज में एयर गन चलाते हुए देखा. इसके बाद उनका मन बदल गया. उन्हें बंदूक से प्यार हो गया. उन्होंने फुटबॉलर बनने का सपना छोड़ दिया. उन्होंने शूटर बनने का फैसला कर लिया.

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पिता को इस तरह मनाया

सरबजोत के पिता जितेंद्र सिंह किसान हैं. 2014 में जब सरबजोत ने पिता से शूटिंग में जाने की बात कही तो वह हैरान हो गए. उन्होंने बेटे से कहा कि यह खेल काफी महंगा है. सरबजोत इसके बावजूद पीछे हटने को तैयार नहीं थे. उन्होंने कई महीनों तक पिता से इसकी गुजारिश की. आखिरकार, महीनों की मशक्कत के बात पिता मान गए. यह एक ऐसा फैसला है जिसका परिवार को कभी पछतावा नहीं होगा.

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सरबजोत की उपलब्धियां

सरबजोत पहले ही 10 मीटर एयर पिस्टल में एक सीनियर आईएसएसएफ वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. घरेलू सर्किट में उनकी सटीकता और धैर्य ने उन्हें दो बार नेशनल चैंपियन बनाया है.  अब तक सरबजोत ने 2 वर्ल्ड चैम्पियनशिप गोल्ड मेडल, 3 वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल, 1 आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप गोल्ड मेडल, आईएसएसएफ जूनियर कप में 1 गोल्ड, 2 सिल्वर मेडल और शियाई चैंपियनशिप में 2 गोल्ड, 1 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं.

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