नाम बदनाम, लेकिन दुनिया की सबसे सुरक्षित तिजोरी...क्यों इतना खास है स्विस बैंक, जानिए कौन खोल सकता है खाता, क्या है प्रोसेस
Swiss Bank History: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने एक बार फिर से अडानी समूह के खिलाफ खुलासा करते हुए दावा किया कि स्विस बैंक ( Swiss Bank) ने अडानी ग्रुप के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. हिंडनबर्ग ने दावा किया कि अडानी ने स्विस बैंक नें 31 करोड़ डॉलर की रकम जमा की है.
स्विस बैंक का किस्सा
Swiss Bank: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने एक बार फिर से अडानी समूह के खिलाफ खुलासा करते हुए दावा किया कि स्विस बैंक ( Swiss Bank) ने अडानी ग्रुप के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. हिंडनबर्ग ने दावा किया कि अडानी ने स्विस बैंक नें 31 करोड़ डॉलर की रकम जमा की है. हालांकि अडानी समूह की ओर से इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया गया, लेकिन इन सबके बीच स्विजरलैंड का स्विस बैंक फिर से चर्चा में आ गया है. जब भी बात कालेधन, ब्लैकमनी की होती है सबसे पहले मन में एक ही नाम याद आता है, स्विस बैंक ( Swiss Bank) का. कालाधन, ब्लैकमनी को लेकर बदनाम यह बैंक में दुनियाभर के तमाम तानाशाहों, भ्रष्ट राजनेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के लिए सबसे सुरक्षित तिजोरी है. आइए जानते हैं इस स्विस बैंक का पूरा किस्सा...
क्या है स्विस बैंक का इतिहास
स्विटजरलैंड के इस बैंक का इतिहास 17वीं सदी है. साल 1713 में स्विटजरलैंड में पहले बैंक की स्थापना हुई थी. जहां से तमाम बैंक स्विस फेडरल बैंकिंग एक्ट के गोपनीयता कानून के सेक्शन 47 के साथ बंधे हैं. साल 1998 में यूनियन बैंक ऑफ़ स्विट्जर्लैंड यानी USB और स्विस बैंक कारपोरेशन के विलय के यूएसबी बैंक, जिसे स्विस बैंक के तौर पर जानते हैं चर्चा में आया. स्विट्जरलैण्ड के जूरिक और बसेल में इस बैंक का हेडक्वार्टर हैं. ये बैंक अपने खाताधारकों की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए प्रतिबंध है, जिसकी वजह से ये लोकप्रिय है. अपने सख्त नियम और गोपनीयता के चलते यह बैंक किसी से भी अपने खाताधारकों की जानकारी साझा नहीं करता है.
सिर्फ कालाधन के लिए फेमस नहीं, होते हैं ये भी काम
हालांकि इस बैंक का नाम अक्सर कालाधन से जोड़ा जाता है, लेकिन सिर्फ ये बैंक इसके लिए ही मशहूर नहीं है. अपने खाताधारकों की गोपनीयता को बनाए रखने के पीछे इसकी मंशा राजनैतिक अस्थिरता के हालात वाले देशों में लोगों का पैसा सुरक्षित रखना भी है. हालांकि गोपनीयता को लेकर इस बैंक प्रतिबद्धता का इस्तेमाल अधिकतर गलत काम का जरिया बन जाता है. लोग इस बैंक का इस्तेमाल कालाधन को छिपाने के लिए करते हैं.
2017 में नियम में दी गई ढील
स्विस बैंक बाकी बैंकों की तरह ही काम करती है, लेकिन अपनी गोपनीयता नियम के चलते इसका तरीका थोड़ा अलग हो जाता है. सीक्रेसी कानून का सख्ती से पालन करने वाले इस बैंक के सख्त नियम उन्हें भ्रष्ट नेताओं, कारोबारियों के बीच लोकप्रिय बनाते हैं. बैंक के नियम के मुताबिक अगर अनके खाताधारक ने स्विटजरलैंड में कोई अपराध नहीं किया है तो वो उसकी कोई भी जानकारी किसी के भी साथ साझा नहीं करता है. यहां तक की स्विस सरकार के साथ भी नहीं, हालांकि अंतर्राष्ट्रीय दवाब के चलते साल 2017 में इस नियम में थोड़ी ढील दी गई और जिन देशों से साथ उनका अनुबंध है, उसके साथ बैंक ने जानकारी साझा करने पर सहमति बनाई.
क्यों है सबसे सुरक्षित बैंक
स्विस बैंक को सबसे सुरक्षित तिजोरी माना जाता है. जहां के बैंक अकाउंट में खाताधारकों के नाम, पता, फोन नंबर जैसी जानकारी नहीं होती, बल्कि एक नंबर कोड होता है. यहीं नंबर बैंक अकाउंट होता है. नंबर अकाउंड किसका है, उसका क्या पता है इसकी जानकारी बैंक से कर्मचारियों को भी नहीं होता. बैंक खाताधारक का असली नाम और असली अकांउट की जानकारी बैंक के कुछ अधिकारियों के पास ही होती है.
क्या कोई भी खुलवा सकता है स्विस बैंक में अकाउंट
स्विस बैंक में खाता खुलवाने के लिए कई शर्तों को पूरा करना पड़ता है. हालांकि अकाउंट खुलवाने का प्रोसेस आसान है. आप चाहे तो घर बैठे-बैठे स्विस बैंक में अकाउंट खोल सकते हैं. इस बैंक में अकाउंट खोलने के लिए पासपोर्ट, संपत्ति से जुड़े डॉक्यूमेंट, यानी आपके पास कितना पैसा है, इसका प्रूफ देना होगा. इसके अलावा जमा की जाने वाली रकम की कमाई का सोर्स की डिटेल देनी होगी.
स्विस बैंक में कितना है मिनिमम बैलेंस
स्विस बैंक में मिनिमम बैलेंस 1 लाख डॉलर या 75 लाख रुपए के आसपास होता है. वहीं अकाउंट को मेंटेंन करने के लिए आपको कम से कम खाते में 300 डॉलर या तकरीबन 22 हजार रुपए मेंटिनेंस चार्ज देना होगा.