PM in Uttrakhand: क्यों खास है भगवान शिव का मंदिर जागेश्वर धाम? आज पीएम मोदी करेंगे पूजा-अर्चना
PM Modi Visit at Jageshwar Dham Uttarakhand: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के दौरे पर हैं. यहां वह कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के अलावा भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिर जागेश्वर धाम में भी पूजा-अर्चना करेंगे. आइए जानते हैं कि जागेश्वर धाम क्यों विशेष है?
अल्मोड़ा में है जागेश्वर धाम
इन दिनों देश में बागेश्वर धाम की चर्चा जोरों पर है. इसी तरह उत्तराखंड में भी एक धाम है, जो बेहद प्रसिद्ध है. इसका नाम है जागेश्वर धाम. जागेश्वर धाम उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हैं. जागेश्वर धाम मंदिर भारत के ज्योर्तिलिंगों में से एक माना जाता है.
ढाई हजार साल पुराना है इतिहास
जागेश्वर धाम भगवान शिव को समर्पित है. इस मंदिर का 2500 वर्ष पूर्व इतिहास है. सनातन धर्म के लिंग पुराण, स्कंद पुराण औऱ शिव पुराण में इस मंदिर का उल्लेख मिलता है. जागेश्वर धाम मंदिर में भगवान के नागेश रूप की पूजा की जाती है. इस मंदिर के अंदर कई शिलालेख औऱ मूर्तियां मौजूद हैं.
यहीं से शुरू हुई है लिंग स्वरूप की पूजा
जागेश्वर धाम मंदिर के बारे में मान्यता है कि भगवान शिव के लिंग स्वरूप की पूजा यहीं से शुरू हुई थी. देवदार के पेड़ों से घिरा यह मंदिर 100 छोटे- छोटे मंदिरों के समूहों से मिलकर बना है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जागेश्वर धाम मंदिर में भगवान शिव और सप्त ऋषियों ने तपस्या की शुरुआत की थी.
केदारनाथ धाम की तरह है बनावट
इस मंदिर को गौर से देखने पर पता चलता है कि इसकी बनावट काफी कुछ केदारनाथ मंदिर जैसी है. इस मंदिर में मुख्य तौर पर भगवान शिव की पूजा होती है लेकिन इसके अलावा भगवान विष्णु, देवी शक्ति और सूर्य देवता के भी मंदिर हैं. वहीं चंडी मंदिर, कुबेर मंदिर, मृत्युंजय मंदिर, नंदा देवी या नौ दुर्गा, नवग्रह मंदिर, भैरव बाबा मंदिर आदि भी हैं.
ऐसे पहुंचें
इस मंदिर में आकर लोग अभूतपूर्व मानसिक शांति की अनुभूति करते हैं. यदि आप भी जागेश्वर धाम जाना चाहते हैं तो इसका रास्ता जान लें. जागेश्वर धाम दिल्ली से करीब 400 किमी दूर है. इसके लिए आप काठगोदाम तक ट्रेन या बस से सफर कर सकते हैं. इसके बाद जागेश्वर तक की 120 किमी की यात्रा बस या टैक्सी से यात्रा करनी होगी. यहां रहने और खाने की अच्छी व्यवस्था है.