4300 करोड़पति छोड़ रहे हैं भारत, आखिर क्यों अमेरिका, लंदन के बजाए UAE बना अमीरों का पसंदीदा ठिकाना, ऐसा क्या है वहां ?
भारत की अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से बढ़ रही गहै. उसी तेजी से देश में अरबपतियों की संख्या भी बढ़ रही है. लेकिन एक रिपोर्ट ने टेंशन बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल करीब 4,300 भारतीय करोड़पति देश छोड़ सकते हैं.
क्यों भारत छोड़ रहे हैं अमीर
Why millionaires are leaving India: भारत की अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से बढ़ रही गहै. उसी तेजी से देश में अरबपतियों की संख्या भी बढ़ रही है. लेकिन एक रिपोर्ट ने टेंशन बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल करीब 4,300 भारतीय करोड़पति देश छोड़ सकते हैं. देश छोड़ने वाले अधिकांशं भारतीयों का नया ठिकाना अमेरिका, ब्रिटेन, या जापान नहीं बल्कि यूनाइटेड अरब अमीरत यानी UAE हैं.
UAE पहली पसंद
भारत छोड़ने वाले अधिकांश अरबपतियों का ठिकाना UAE बनता जा रहा है. बीते कुछ सालों में दुबई, UAE बसने वाले भारतीय अमीरों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इंटरनेशनल फर्म हेनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूएई भारतीय अमीरों की पहली पसंद बनता जा रहा है. इस रिपोर्ट में अमीरों में उन लोगों को शामिल किया गया है, जिनके पास कम से कम 10 लाख डॉलर की संपत्ति है.
अमीरों का पलायन क्यों
रिपोर्ट के मुताबिक धनी लोगों के पलायन के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में 4300 अमीर इस साल भारत छोड़ सकते हैं. हालांकि बीते सालों के मुताबिक इसमें कमी आई है. पिछले साल भारत छोड़ने वाले अमीर लोगों की संख्या 5100 तो साल 2022 में 8000 भारतीय करोड़पतियों ने भारत छोड़ा था.
UAE बना पहली पसंद
रिपोर्ट के मुताबिक भारत छोड़कर जाने वाले अमीर अमेरिका, ब्रिटेन के बजाए यूएई में बसना चाहते हैं. अब तक अमेरिका अमीरों की पहली पसंद था, लेकिन अब यूएई ने उसके वर्चस्व को तोड़ दिया है. इस साल 6700 करोड़पति के UAE में बसने का अनुमान है तो वहीं अमेरिका जाकर बसने वाले अमीरों की संख्या 3200 के करीब हो सकती है.
मिलते हैं कई फायदे
अमीरों का पसंदीदा देश UAE कई कारणों से करोड़पतियों की पहली पसंद बनता जा रहा है. बिजनेस के विस्तृत स्कोप, टैक्स की दरों में मिलने वाली जबरदस्त छूट, कारोबार का सकारात्मक माहौल, इसे अमीरों की लिस्ट में ऊपर पहुंचाता है. बता दें कि दुबई में अमीरों को जीरो इनकम टैक्स देना होता है. करोड़पति-अरबपतियों के लिए फ्लेक्सिबल टैक्स स्ट्रचर और बेहतर कानून व्यवस्था है .