लागत 1500 करोड़, एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा; दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर कब से दौड़ेंगी ट्रेनें?
Chenab Bridge Latest Update: ट्रेनों से सफर वालों के लिए खुशखबरी है. चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर सफर करने का रोमांचक अनुभव यात्रियों को इसी साल से मिलने वाला है. उम्मीद की जा रही है कि रेलवे की तरफ से पुल को ट्रेनों के आवागमन के लिए इसी साल खोल दिया जाएगा. यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट के कटरा-बनिहाल सेक्शन का हिस्सा है. इसे नई सरकार के लिए 100 दिन के वर्किंग प्लान के तहत पूरा किया जाना है.
चिनाब नदी के पुल को नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. रेलवे की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि यह पुल पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ज्यादा ऊंचा है. चिनाब पुल इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना है.
पुल को 17 स्पैन से मिलाकर बनाया गया है. इसका मेहराब 467 मीटर लंबा है, इसे सबसे लंबा बताया गया है. रेलवे के अनुसार 467 मीटर लंबे मेहराब स्पैन को जोड़ना अहम है.
चिनाब पुल भूकंप और विस्फोटकरोधी है. इस पुल को 266 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की रफ्तार को सहन करने के लिए बनाया गया है. यह विस्फोटकरोधी है और भूकंप का सामना करने में सक्षम है.
हिमालय के चुनौतीपूर्ण भूभाग बने चिनाब पुल पर ट्रेनों की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी. यह पुल 120 साल तक इसी तरह खड़ा रहेगा. रेलवे के अनुसार, इस प्रोजेक्ट को कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से करीब 1486 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है. पुल के निर्माण से पहले साइट पर पहुंचने के लिए 26 किमी की अप्रोच रोड और 400 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई थी.
चिनाब पुल के प्रोजेक्ट को पूरा करने में कई इंटरनेशनल एजेंसियों के साथ-साथ आईआईटी, डीआरडीओ और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जैसे भारतीय संस्थाओं ने अपना योगदान दिया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों कहा था कि चिनाब पुल खुलने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस के जरिये कश्मीर के बाकी हिस्से को जोड़ा जाएगा.