भारत मंडपम से भी अधिक यशोभूमि की चर्चा, 7 प्वाइंट्स में जानें- खासियत
Yashobhumi Convention Center: दिल्ली के द्वारका में यशोभूमि कंवेश्न सेंटर बनाया गया है. यह कंवेश्न सेंटर आधुनिक भारत की तरक्की को बयां कर रहा है. कई मायनों में इसे भारत मंडपम से भी खास बताया जा रहा है.
भारत मंडपम से भी अधिक यशोभूमि की चर्चा, 7 प्वाइंट्स में जानें- खासियत
दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम और द्वारका में यशोभूमि इंडिया इंटरनेशन कंवेंश्न सेंटर बनाया गया है.
इतना विशाल है यशोभूमि
यशोभूमि कंवेश्नन सेंटर परियोजना का पूरा क्षेत्र 8.9 लाख वर्ग मीटर है जिसमें 1.8 लाख वर्ग मीटर पर कंस्ट्रक्शन किया गया है. इसमें बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनी लगाई जा सकेगी.
यशोभूमि की खासियत
इसमें कुल 15 कंवेश्नन हॉल, 13 मीटिंग हाल है. एक साथ 11 हजार लोग बैठ सकते हैं. कंवेंश्न सेंटर को 73 हजार वर्ग मीटर में बनाया गया है. इसमें ग्रैंड बॉलरूम और मुख्य सभागार है.
2025 तक पूरी तरह तैयार
पूर्ण रूप से तैयार होने के बाद यह एशिया का सबसे बड़ा कंवेंश्न सेंटर होगा. 2025 में यह पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा.
यशोभूमि की लागत
यशोभूमि बनाने की कुल लागत करीब 25 हजार करोड़ है. पहले चरण में 5400 करोड़ खर्च किए गए हैं. इसमें एक कंवेंश्न सेंटर, 13 कांफ्रेंस रूम और दो प्रदर्शनी हॉल हैं.
ऑडिटोरियम की इतनी क्षमता
दूसरे चरण में तीन प्रदर्शनी कांप्लेक्स, होटल और रिटेल ऑफिस बनाए जाएंगे. ऑडिटोरियम में एक साथ 6 हजार लोग बैठ सकते हैं.
वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर
भारत मंडपम की तरह इसमें वाटर री हार्वेस्टिंग पर खास जोर दिया गया है. इसमें 100 फीसद खराब पानी का इस्तेमाल किया जाएगा.