नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा राहुल गांधी को न्यौता दिए जाने की संभावना से जुड़ी खबरों पर कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि जब निमंत्रण मिलेगा तो ‘सोच-समझकर’ जवाब दिया जाएगा. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "अभी हमें कोई निमंत्रण मिला नहीं हैं. जब निमंत्रण नहीं मिला है तो मैं किसी की काल्पनिक चीज पर टिप्पणी नहीं करने वाला हूं. आप (पत्रकार) निश्चिंत रहें, जब मिलेगा तो सोच-समझ कर उसके बारे में उत्तर भी दिया जाएगा, आप लोगों को अवगत भी कराया जाएगा." 


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खबरें हैं कि आरएसएस अगले महीने संघ प्रमुख मोहन भागवत की तीन दिन की व्याख्यान श्रृंखला में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी सहित कई अन्य को न्योता दे सकता है. आरएसएस के सूत्रों ने बताया कि इस कदम का मकसद अलग-अलग विचारधारा के लोगों को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करना है. उन्होंने बताया कि सूची अभी तैयार की जा रही है. व्याख्यान श्रृंखला में राहुल को आमंत्रित किए जाने के संकेत ऐसे समय पर मिले हैं जब आज ही ही आरएसएस ने अपनी तुलना इस्लामी कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से किए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष की आलोचना की है. 


17-19 सितंबर के बीच होगा संघ का कार्यक्रम 
संघ का कार्यक्रम 17-19 सितंबर के बीच होना है. सूत्रों के मुताबिक, इसमें हिस्‍सा लेने के लिए इनमें से किसी भी दिन राहुल गांधी को आमंत्रित किया जा सकता है. वैसे 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्‍मदिन है. इसलिए सूत्रों के मुताबिक इस बात की प्रबल संभावना है कि उनको उसी दिन बुलावे का आमंत्रण भेजा जा सकता है. राहुल के अलावा कई दलों के प्रमुखों को बुलावा भेजा जाएगा. सीताराम येचुरी जैसे लेफ्ट नेता को भी आमंत्रित किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को आरएसएस चीफ मोहन भागवत से सवाल पूछने के लिए भी आमंत्रित किया जाएगा. इस संबंध में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि मोहन भागवत देश के प्रबुद्ध नागरिकों से 'भविष्य का भारत-आरएसएस का दृष्टिकोण' विषय पर 17 से 19 सितंबर तक दिल्ली के विज्ञान भवन में संवाद करेंगे.



राहुल को आमंत्रण संघ का मास्टर स्ट्रोक! 
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के निमंत्रण भेजे जाने की बात को संघ का मास्‍टरस्‍ट्रोक माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि संघ का आमंत्रण स्‍वीकार अथवा अस्‍वीकार करना राहुल गांधी के लिए आसान नहीं होगा क्‍योंकि प्रणब मुखर्जी समेत कई सियासी दिग्‍गज अतीत में संघ के कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं.