नई दिल्ली: सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर में गिरावट की सूचना के कुछ दिन बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की और देश में अर्थव्यवस्था की मंदी के लिए उसकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. इसको लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काआर्थिक क्षेत्र से संबंधित संगठन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत केंद्र की मोदी सरकार के बचाव में उतर आया है और कांग्रेस नेता के बयान को राजनीति से प्रेरित बताया है.


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ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस ने कहा, ''इसमें कोई दोराय नहीं कि पूर्व प्रधानमंत्री महान अर्थशास्त्री हैं, इसी कारण वह वास्तविकता से परिचित हैं, लेकिन राजनीतिक विवशता उन्हें सच्चाई बयां करने से रोक रही है. उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया मंदी से जूझ रही है तो ऐसे में अर्थशास्त्री होने के नाते मनमोहन को देश के लिए सही सुझाव देना चाहिए था जबकि वह राजनीतिक लाभ उठाने के लिए भ्रमित करने वाला बयान दे रहे हैं. इतनी बड़ी शख्सियत ने ऐसे गंभीर मुद्दे का राजनीतिकरण करके अपने आप को छोटा कर लिया.''


नोटबंदी और जीएसटी पर ठीकरा फोड़ा
उन्होंने कहा, ''डॉ. मनमोहन सिंह इस समय पूरे विश्व के आर्थिक वातावरण को समझते हुए भी वह कह रहे हैं, जो उनकी पार्टी को राजनीतिक रूप से अनुकूल लगता है. वह अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण और उसके कारण देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ने वाले प्रभावों को भलीभांति समझते हैं, इसीलिए उन्होंने सही बातों को छिपाते हुए मौजूदा हालात का पूरा ठीकरा नोटबंदी और जीएसटी पर फोड़ा.


देशहित का विचार करें
सबनीस ने कहा, ''हमें उम्मीद थी कि पूर्व प्रधानमंत्री, अमेरिका और चीन के बीच बिगड़ते व्यापारिक रिश्तों के कारण भारत के उद्योगों पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव से बचने के लिए कुछ कहेंगे, लेकिन वह राजनीतिक बयान तक ही सीमित रह गए. मनमोहन सिंह की आयु वाले विद्वान व्यक्ति से हमें उम्मीद है कि वह राजनीति से अलग हटकर देशहित का विचार करें और सलाह दें.''


डिजिटल पेमेंट की जरूरत
संगठन के पदाधिकारी ने बताया कि उनका संगठन मंदी के मद्देनजर ग्राहकों को जागरूक करने का काम कर रहा है. लोगों को समझाइश दी जा रही है कि गैरजरूरी खर्चे में कटौती करें और बचत की ओर ध्यान दें. वहीं, नगद भुगतान करने की बजाय डिजिटल पेमेंट करें ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले. संगठन के पदाधिकारी का मानना है कि भारत में मंदी का मामला जल्द ही संभल जाएगा.  


पूर्व प्रधानमंत्री ने मंदी को बताया 'मानव-निर्मित संकट'
मनमोहन सिंह ने मंदी को एक मानव निर्मित संकट बताया. एक विस्तृत बयान में उन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले और अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालत के लिए 'जल्दीबाजी में लागू किए गए जीएसटी' के फैसले को जिम्मेदार ठहराया.


पार्टी का भी रुख
कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के बयान को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया और कहा कि यह पार्टी का भी रुख है. पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम के सीबीआई हिरासत में होने की वजह से मनमोहन सिंह एकमात्र विश्वसनीय चेहरा हैं, जिसके जरिए कांग्रेस अर्थव्यवस्था पर बोल सकती है.


3.5 लाख नौकरियां चली गई
कांग्रेस नेता ने कहा कि सिर्फ ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 3.5 लाख से अधिक नौकरियां चली गई हैं और उन्होंने दावा किया कि इसी तरह से अनौपचारिक क्षेत्र में बड़े स्तर पर नौकरियां गई हैं. उन्होंने कहा, "घरेलू मांग घट गई है और खपत में वृद्धि 18 महीने के निचले स्तर पर है. जीडीपी वृद्धि दर 15 साल के निचले स्तर पर है. कर राजस्व में गैपिंग होल है. कराधान में कोई उछाल नहीं है, क्योंकि छोटे और बड़े व्यापारी भयभीत हैं और कर आतंक लगातार बना हुआ है. निवेशक भावनाएं मंद हैं. ये अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत नहीं हैं."


संस्थानों की स्वायत्तता पर हमला
आरबीआई द्वारा सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का हवाला देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर संस्थानों की स्वायत्तता पर हमला करने का आरोप भी लगाया.


(इनपुट-एजेंसी से भी)