आमतौर पर श्वास नली में कोई अवरोध ना होता तो सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होती,लेकिन यदि श्वसन नली में कफ जम जाता है और अवरोध उत्पन्न हो जाता है तो सांस लेने में दिक्कत उत्पन्न होती है. कोरोना की दूसरी लहर में रोगियों को श्वसन नली में कफ जमने के कारण ऑक्सीजन लेने की आवश्यकता पड़ रही थी. श्वसन नली में कफ के जम जाने के कारण उनकी श्वसन नली संकरी हो गई थी, जिससे हांफने जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इस वजह से उन्हें प्राकृतिक ऑक्सीजन की मात्रा से 3 गुना अधिक गति से दी जाने वाली ऑक्सीजन का प्रयोग करना पड़ा और इसके बाद लोगों की जान बच पाई. इस कारण ऑक्सीजन की खपत ज्यादा हो रही थी और जो लोग सांस नहीं ले पा रहे थे उनके लिए बहुत ही ज्यादा कठिन समय था. इसमें कोरोना से पीड़ित रोगियों के फेफड़ों में जाला बन रहा था और उस कारण रोगियों की फेफड़ों की गतिविधियां रुक जा रही थी. कोरोना से संबंधित रोगियों को दो तरह के कारक रोक रहे थे-


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1. श्वसन नली में अवरोध 
2. फेफड़ों में जाला 


कोरोना से प्रभावित व्यक्ति जिन्हें वायरस ने गंभीर एवं साधारण रूप से प्रभावित किया, उनके फेफड़ों ने काम करना कम कर दिया. इसके बाद उन मरीजों को डॉक्टर द्वारा लगातार दवाई लेने का निर्देश दिया गया. ऐसे मरीज जिनके फेफड़े सही से काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें ज्यादा मेहनत वाले काम करने में जल्दी थकान होती है और उन्हें डॉक्टर की सलाह और दवा लेने के बाद ही आराम मिलता है. अगर ऐसे रोगियों को श्वास लेने में कठिनाई या फेफड़ों के संचालन में कठिनाई ज्यादा समय तक रहती है और उचित समय पर चिकित्सक उपचार या सलाह नहीं मिल पाती है तो वह रोगी गंभीर स्थिति में पहुंचकर अपनी जान जोखिम में डाल लेते हैं.


पद्मनाभ फार्मास्यूटिकल्स एंड कॉस्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोरोना जैसी संक्रामक बीमारियों से लड़ने की क्षमता देने योग्य दवाइयों की खोज की जा रही है, जिसका मुख्य कार्यालय वडोदरा में स्थित है. पद्मनाभ फार्मास्यूटिकल्स एंड कॉस्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा  Coro CB-1, AB Level-1 Tablet or Powder की खोज के बाद यह दोनों कारकों में लाभ मिल रही है, जिससे श्वसन नली के अवरोध को और फेफड़ों में उत्त्पन्न जाले को भी समाप्त किया जा सकता है.


वर्तमान में अभी तक ऐसी कोई दवा नहीं है जो श्वसन नली में जमे कफ को बाहर कर सके या फेफड़ों में बने जाले को कम कर सके. ऐसी गंभीर स्थिति में फेफड़ों में मौजूद श्वास नली में जमा कफ या बैक्टीरिया वायरस द्वारा फेफड़ों के टिशू को डैमेज करता है. फेफड़ों के संचालन की प्रक्रिया को सुचारू रूप में लाने के लिए और फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हमारे द्वारा एक नई खोज की गई है.


CORO CB-1 टेबलेट और AB LEVEL-1 टेबलेट एवं पाउडर


AB LEVEL-1 उन साधारण रोगियों के लिए एक वरदायिनी खोज के रूप में है, जिनके फेफड़ों ने अपना संचालन 20 से 40% तक कम कर दिया है. एलर्जी ब्रोंकाइटिस और मौसम बदलने पर 2-4 महीने तक बनी रहने वाली या लगातार होने वाली खांसी व जुखाम में फायदेमंद है.


CORO CB-1 उन गंभीर रोगियों के लिए जीवनदायिनी खोज है, जिनके फेफड़ों में 40 से 70% संचालन कम कर दिया है और उन्हें बार-बार चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता होती है. साधारण तौर पर कहा जाए तो ऐसे मरीज ऐसी की उम्र 5 से 10 वर्ष तक कम हो जाती है. CORO CB-1 फेफड़ों की श्वास नली में मौजूद कफ को मुंह या मल के रास्ते निकाल देता है और फेफड़ों के डैमेज टिशू को ठीक करता है.


वायरस या बैक्टीरिया फेफड़ों की खाल से चिपक जाते हैं और उन्हें खाने लगते हैं, जिस कारण फेफड़ों में घाव हो जाते हैं. आमतौर पर फेफड़ों के घाव को भरने का कोई उपाय वर्तमान में उपलब्ध ही नहीं है. यह दवा कोरोना से पीड़ित रोगियों के लिए एक नई खोज है.


CORO CB-1 टैबलेट (आयु वर्ग- 30-80)(Rs-350)


लक्षण-


1. लगातार खांसी
2. बलगम उत्पादन वाली खांसी
3. सिरदर्द
4. सांस लेने में कठिनाई
5. श्वासनली में भरा हुआ बलगम


CORO CB-1 द्वारा उपचार-


-श्वासनली में जमा बलगम को मुंह या मल के माध्यम से बाहर निकालता है
- निमोनिया के लक्षण, टीवी के कारण लगातार खांसी, सिरदर्द, बहती नाक और सांस लेने में तकलीफ से छुटकारा दिलाता है 
- हाई ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति और जिनको बलगम वाली खांसी नहीं है वह इन दवाई का उपयोग न करे
- यदि कोई ऐसा व्यक्ति दवा का सेवन करता है और ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन बढ़ जाती है ऐसा होने पर  चिकित्स्य सहायता  ले


AB- LEVEL 1 TABLET Rs-250 & POWDER Rs-400 आयु वर्ग- (8-70 )


-जिन रोगियों को बैक्टीरियल और वायरल श्वसन संक्रमण, सर्दी, फ्लू, अस्थमा, एलर्जी, साइनोसाइटिस लैरींगाइटिस, वायुमार्ग में जलन, संकुचन या सूजन की स्थिति बलगम का उत्पादन होता है
-लगातार पांच दिन AB- LEVEL-1 टैबलेट पाउडर के सेवन से समस्याओं से छुटकारा मिलता है
-निमोनिया से फेफड़ों में सूजन का संक्रमण होता है जिससे बुखार, खांसी और सीने में तेज दर्द होता है
-श्वसन तंत्र का एक अत्यधिक संक्रामक संक्रमण जो कंपकंपी वाली खांसी, लगातार खांसी और गंभीर खांसी का कारण बनता है
-अधिक बलगम का उत्पादन होता है एवं ज़्यादा बोलने या चीखने से गला बैठ जाने वाले स्थिति में भी AB- LEVEL-1 टैबलेट & पाउडर  लाभदायक है


क्लिनिकल ट्रायल


कंपनी द्वारा शोध कार्य मई 2021 से प्रारंभ किया गया. इसका उद्देश्य कोरोना के पश्चात होने वाली खांसी, जो लगातार दिन-रात लगभग 15 दिनों तक जारी रहती है, उसे रोकना था. एक रोगी का चयन किया गया, जिन्हें कोरोना हो चुका था और उन्हें लगातार खांसी हो रही थी. उनके द्वारा सभी तरह के उपाय करने के पश्चात भी खांसी कम नहीं हो रही थी. वह व्यक्ति मेडिकल लाइन से जुड़े हुए हैं और उन्होंने अपनी गंभीर स्थिति के बारे में अपनी बात बताई. कंपनी द्वारा पहला क्लीनिकल ट्रायल सीधे मनुष्य पर किया गया और पहले व्यक्ति के तौर पर हमने रोगी A (अज्ञात नाम) को चुना. इस गंभीर स्थिति को समझते हुए उन्हें पहली खुराक दी गई. रोगी A (अज्ञात नाम)  को पहली खुराक जो पाउडर के रूप में थी, रात को लेने के 6 घंटों में ही इसका असर देखने को मिला और 6 घंटे बाद उनकी खांसी बंद हो गई. इसके बाद कई और रोगियों पर इसका ट्रायल किया गया, जिन्हें कोरोना के बाद खांसी की समस्या हो रही थी. उन्होंने भी 6 से 10 घंटे के बाद हल्के-हल्के खांसी बंद होने की बात कही.


इस फार्मूले को कंपनी ने AB level-1 के नाम से रजिस्टर्ड कराया.


दूसरे क्लिनिकल ट्रायल में हमने CORO CB-1 को लिया और इसके ट्रायल के लिए हमने एक ऐसे मरीज का चुनाव किया, जिन्हें 15 से 20 सालों से नजला, बलगम वाली खांसी और जुखाम था. वह अपना अन्य संस्थान से इलाज करा रहे थे, लेकिन कोई खास असर नहीं होने से उन्हें बार-बार डॉक्टर के पास जाना पड़ रहा था. उन्हें कंपनी ने अपनी दवा के लिए उचित माना और उन्हें रोगी B (अज्ञात नाम) के रूप में चुना. रोगी B को सुबह, दोपहर, शाम को खुराक 500MG CORO CB-1 की 1 और AB LEVEL-1 की 1-1 खुराक दी गई. वह रोगी 10 दिन के बाद अपनी सभी समस्याओं से 80-90% निजात पा चुका था.


इन सभी परिणामों को अध्ययन करने के पश्चात कंपनी इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि सभी फॉर्मूले अपने लक्ष्य तक सही परिणाम दे रहे हैं. इस आधार पर हमारे वैज्ञानिकों का दावा है कि यह कोरोना से पीड़ित व्यक्तियों के गले में कफ को नहीं जमने देंगे और फेफड़ों के संचालन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे. अभी तक कंपनी द्वारा क्लीनिकल ट्रायल किसी कोरोना रोगी पर नहीं किया गया है. सभी क्लीनिकल ट्रायल पूर्व कोरोना रोगियों पर ही किए गए हैं.


कंपनी द्वारा सरकार से अनुमति का प्रयास किया जा रहा है कि वह हमारी दवा को कोरोना से पीड़ित गंभीर एवं अति गंभीर रोगियों पर दवा का परीक्षण करे. दवा निर्माता कंपनी एवं दवा के निर्माण से संबंधित वैज्ञानिकों का दावा है कि यह साधारण रोगियों को गंभीर एवं गंभीर स्थिति से अति गंभीर स्थिति में जाने से रोक देता है.


पद्मनाभ फार्मास्यूटिकल्स एंड कॉस्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशकों ने 18-08-2022 को 12:00 PM पर अपने तीनों उत्पादों को तमिलनाडु के शिवकाशी शहर में लॉन्च किया. शिवकाशी मदरुई से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. कंपनी की योजना मदरुई में अपने उत्पादों का डिपो खोलने की तैयारी में है. यहां से तमिलनाडु और केरल को दवाओं की आपूर्ति की जाएगी. कंपनी ने अपने उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी है. कंपनी की वेबसाइट www.mayavimeds.com है. कंपनी का मकसद इस दवा को जल्द से जल्द जनता तक पहुंचाना है, कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्तियों को राहत पहुंचाना है. जिससे वह भारत के हर जिले में डिस्ट्रीब्यूटरशिप देने की योजना बना रही है. 


Hyperlink: http://www.mayavimeds.com/


(Disclaimer: यह लेख एक विशेष रूप से प्रदर्शित कंटेंट है. इस लेख में आईडीपीएल की पत्रकारिता/संपादकीय भागीदारी नहीं है और आईडीपीएल किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)