फिटनेस और वजन घटाने को लेकर कई गलतफहमियां हमारे बीच फैली हुई हैं, जो हमें सही दिशा में कदम बढ़ाने से रोकती हैं. इन मिथकों में से कुछ यह कहते हैं कि केवल सख्त डाइट्स और लंबे वर्कआउट्स से ही शरीर में बदलाव लाए जा सकते हैं, जबकि अन्य यह मानते हैं कि फिटनेस को अपनी दिनचर्या में शामिल करना व्यस्त पेशेवरों के लिए असंभव है. वासु सोनी और उनका EFCON8 मेथड इन मिथकों को चुनौती देता है और साबित करता है कि फिटनेस को एक स्वस्थ और व्यावहारिक तरीके से अपनाया जा सकता है, खासकर उन पेशेवरों के लिए जिनकी दिनचर्या बेहद व्यस्त है.


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मिथक 1: 'फिटनेस के लिए लंबी वर्कआउट्स जरूरी हैं'
यह मान्यता कि फिटनेस के लिए घंटों जिम में बिताना आवश्यक है, कई लोगों को सही रास्ते पर नहीं आने देती. वासु सोनी कहते हैं, "लंबे वर्कआउट्स से ज्यादा ज़रूरी यह है कि वर्कआउट्स सही तरीके से किए जाएं. मैंने EFCON8 मेथड में यह दिखाया है कि कम समय में किए गए प्रभावी वर्कआउट्स भी परिणाम ला सकते हैं."


मेथड में शॉर्ट, स्मार्ट और प्रभावी वर्कआउट्स शामिल हैं, जो पेशेवरों के व्यस्त शेड्यूल में फिट हो सकते हैं और शरीर में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.


मिथक 2: 'वजन घटाने के लिए सख्त डाइट जरूरी है'
वजन घटाने के लिए कठोर डाइट अपनाने का मिथक भी बहुत सामान्य है, जो अक्सर असफलता का कारण बनता है. वासु के अनुसार, "किसी भी डाइट को लंबे समय तक बनाए रखना कठिन होता है, खासकर तब जब वह स्वादहीन और बहुत सख्त हो. इसलिए, EFCON8 में हम यह सिखाते हैं कि खाने के मज़े को न छोड़ते हुए, सही पोषण को अपनाना चाहिए."


EFCON8 मेथड में स्वादिष्ट और संतुलित भोजन की योजना बनाई जाती है, जो पेशेवरों को लंबे समय तक डाइट का पालन करने में मदद करती है, बिना अपनी पसंदीदा चीजों को छोड़ने के.


मिथक 3: 'फिटनेस और स्वास्थ्य के लिए समय नहीं है'
कई पेशेवरों का मानना है कि उनके पास अपने व्यस्त कार्य शेड्यूल के बीच फिटनेस के लिए समय नहीं है. यह मिथक उन्हें अपनी सेहत को नजरअंदाज करने की ओर ले जाता है. वासु सोनी बताते हैं, 'व्यस्त दिनचर्या के बावजूद फिटनेस को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाया जा सकता है. छोटे-छोटे वर्कआउट्स और संतुलित आहार के साथ आप फिट रह सकते हैं और इसके साथ ही अपने काम को भी अच्छी तरह निपटा सकते हैं.'


EFCON8 में फिटनेस को एक आदत के रूप में बदलने की प्रक्रिया पर जोर दिया जाता है.


मिथक 4: 'फिटनेस सिर्फ शरीर को बदलने के बारे में है'
फिटनेस को अक्सर केवल शारीरिक बदलावों से जोड़ा जाता है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य और ऊर्जा को भी नज़रअंदाज किया जाता है. वासु का मानना है कि फिटनेस का उद्देश्य केवल शरीर को ठीक करना नहीं, बल्कि मानसिक स्थिति और कार्यक्षमता को भी बेहतर बनाना है. वे कहते हैं "जब आप शारीरिक रूप से फिट होते हैं, तो मानसिक रूप से भी बेहतर महसूस करते हैं, और इससे आपकी उत्पादकता में वृद्धि होती है".


अपनी जीवनशैली में फिटनेस को सरल बनाएं
अगर आप भी फिटनेस के मिथकों से जूझ रहे हैं और सोचते हैं कि आपकी व्यस्त जीवनशैली के बीच फिटनेस संभव नहीं है, तो वासु सोनी का EFCON8 मेथड आपके लिए सही समाधान हो सकता है. ये प्रोग्राम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को एक साथ सुधारने के लिए एक बेहद असरदार और आसान तरीका प्रदान करता है.


Disclaimer- Consumer connect initiative.