Leasehold Property: प्रॉपर्टी में निवेश करना हमेशा फायदेमंद का सौदा माना जाता है. यह समय बीतने के साथ अच्छा रिटर्न देता है. हालांकि, किसी भी प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी कर लेना सही माना जाता है. इस वजह से बाद में लोगों को पछताना नहीं पड़ता है. लोगों ने फ्रीहोल्ड और लीजहोल्ड प्रॉपर्टी के बारे में सुना होगा, लेकिन लोगों को इन दोनों प्रकार के जमीनों के बारे में पता नहीं होता है. इसके बारे में सुनकर लोग अक्सर कंफ्यूजन की स्थिति में रहते हैं. 


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प्रॉपर्टी दो प्रकार की होती है. पहली फ्रीहोल्ड और दूसरी लीजहोल्ड. फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी पर मालिक का पूरा अधिकार होता है. उसको उस जमीन, घर या कर्मशियल इलाके का पूरा मालिकाना हक होता है. वहीं, लीजहोल्ड प्रॉपर्टी को सरकार लीज या पट्टे पर तयशुदा अवधि के लिए देती है. इस जमीन या प्रॉपर्टी की असली मालिक सरकार होती है. फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी पर आपके बाद उत्तराधिकारियों का हक होता है, लेकिन लीज होल्ड प्रॉपटी को सरकार तय अवधि जैसे 99 या 999 साल की लीज देती है. जैसे ही यह अवधि पूरी होती है, सरकार उस प्रॉपर्टी को वापस ले लेती है. 


अधिकांश फ्लैट्स या सोसायटीज लीजहोल्ड प्रॉपर्टी पर ही बनाए जाते हैं. फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी पर इच्छानुसार कुछ भी कार्य करा सकते हैं, लेकिन लीजहोल्ड प्रॉपर्टी में निर्माण कार्य कराने से पहले मूल मालिक की अनुमति लेनी होती है. अगर आप व्यावसायिक उद्देश्य से प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो लीजहोल्ड प्रॉपर्टी पर निवेश किया जा सकता है और ये फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी की तुलना में सस्ती भी होती हैं. हालांकि, बैंक से केवल उन्हीं लीजहोल्ड प्रॉपर्टी में लोन मिलता है, जिनके पट्टे की अवधि 30 साल से अधिक होती है. 


वहीं, अगर प्रॉपर्टी को पुश्तैनी बनाना चाहते हैं तो फ्रीहोल्ड में निवेश करना फायदेमंद का सौदा होता है. हालांकि, इसमें थोड़ा अधिक पैसा खर्च करना पड़ सकता है, लेकिन आवासीय के हिसाब से इसे अच्छा माना जाता है. इस प्रॉपर्टी पर आसानी से बैंक लोन भी मिल जाता है.