Love Facts From Philophobia: प्यार करना या होना इंसान के जीवन का अहम हिस्सा होता है. जब कोई व्यक्ति प्यार में पड़ जाता है, तो कई तरह के इमोशन्स के साथ वह जुड़ने लगता है. कभी उसे अपने पार्टनर के साथ सिक्योर फील होता है, कभी उसके साथ जिंदगी एकदम आसान लगती है, तो कभी प्यार के बारे में सोच कर अजीब ख्याल आते हैं. लेकिन किसी भी इंसान से सुनने पर वह यही कहेगा कि 'प्यार एक खूबसूरत एहसास है'. 


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लेकिन आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आप किसी से प्यार नहीं कर सकते? दरअसल, कभी-कभी किसी इंसान के लिए प्यार एक एंग्जाइटी या फिर डर की वजह भी बन जाता है. जानते हैं क्यों? कुछ लोगों के मन में प्यार को लेकर बुरी और निगेटिव बातें भरी हुई हैं. जिससे उन्हें किसी इंसान के साथ इमोशनल टच का एहसास गलत लगने लगता है. उनके मन में प्यार का ख्याल आते ही कुछ अलग तरीके का डर उन्हें घेर लेता है. इस फीलिंग को अगर आप खुद में महसूस कर रहे हैं तो समझ लें आपको फिलोफोबिया हुआ है. 


जी हां, फिलोफोबिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को प्यार करने से बहुत डर लगता है. उसमें किसी से प्यार करने की हिम्मत नहीं होती है. आज हम इस आर्टिकल में फिलोफोबिया से जुड़ी सभी बातों पर गौर करेंगे. 


फिलोफोबिया क्या है?
फिलोफोबिया एक ग्रीक शब्द है, जिसमें फिलो यानी प्यार को दर्शाने वाली अवधारणा और फोबिया का मतलब डर है. य एक तरह की बीमारी है, जिसमें इंसान किसी के साथ रोमांटिक रिश्ते में जाने से डरता है. फिलोफोबिया से जूझ रहे लोगों को रोमांटिक बातों के बारे में सोचते ही एंग्जाइटी या बेचैनी सी महसूस होने लगती है. हालांकि इशका एक कारण ये भी हो सकता है कि इंसान पहले के दर्दनाक अनुभव के अनुसार आगे आने वाली चीजों से डरने लगता है. इसमें दिल टूटने का कारण भी शामिल है. इस बीमारी में इंसान एक सार्थक संबंध बनाने की क्षमता नहीं रख पाता है. 


जानें फिलोफोबिया के लक्षण-
फिलोफोबिया बीमारी के लक्षणों में प्यार का नाम सुनते ही दिल की धड़कन बढ़ जाना शामिल है. इसमें इंसान की सांसों में भी उथल-पुथल मचने लगती है. की बार तो व्यक्ति को पसीना भी आता है. अगर कोई आपसे प्यार का इजहार करे तो हाथों में कंपकंपी सी होने लगती है. इस तरह के लक्षण आपको कभी भी जिंदगी में किसी के साथ सहज नहीं महसूस करा सकते हैं.