Unrealistic Expectations In Relationship: दुनिया का हर रिश्ता किसी न किसी उम्मीद पर ही टिका होता है. इसलिए शादी में कोई उम्मीद रखना कोई अपवाद नहीं है. शादी की खुशियां इस बाच पर टिकी होती हैं कि एक मैरिड कपल एक दूसरे की उम्मीदों पर कितने खरे उतरते हैं. शादी में अगर पार्टनर्स के बीच अंडरस्ट्रेंडिग अच्छी हो तो ये इसका भी मुश्किल काम नहीं होता है. मगर अक्सर देखा जाता है कि पति अपनी पत्नी से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें कर लेते हैं. वहीं कुछ ऐसे भी पार्टनर होते हैं जोकि लाइफ पार्टनर को समझने से पहले ही उनके लिए सीमाएं बना देते हैं. हालांकि शुरूआत में भले ही इन सबका प्रभाव रिश्ते पर ज्यादा न दिखे लेकिन वक्त के साथ-साथ इससे रिश्ता टॉक्सिक बन जाता है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताने जा रहे हैं जोकि एक समझदार पति अपनी पत्नी से कभी भी पूरा करने की शर्त नहीं रखते हैं, तो चलिए जानते हैं (Unrealistic Expectations In Relationship) पति की कौन सी उम्मीदें रिश्ते को बना देती हैं टॉक्सिक......


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खुश रखें ससुराल में सबको 
हर लड़की की चाहत होती है कि ससुराल में सब उससे खुश रहें. इसके लिए वो हर संभव कोशिश भी करती है. लेकिन जब ससुराल में उसको कोई इज्जत न दे या उसकी खुशी के बारे में न सोचे तो यहीं काम उनके लिए बहुत कठिन हो जाता है. मगर कोई भी इंसान कभी भी हर किसी को खुश नहीं रख सकता है. ऐसे में अपनी पत्नी से ये उम्मीद करना आपके रिश्ते को वीक बना देता है. 


सारी जिम्मेदारी पत्नी अकेले उठाए
मैरिज के बाद हर लड़की को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होता है. मगर इसका अर्थ ये नहीं होता है कि आप हर काम को उनसे अकेले करने की उम्मीद करें. घर संभालने से लेकर माता-पिता का ध्यान रखने का काम हसबैंड और वाइफ दोनों को मिलकर ही करना चाहिए क्योकि दोनों ही शादी में बराबर के हिस्सेदार होते हैं. 


पति का मां जैसा ख्याल रखना
दुनिया का हर लड़का अपनी मां से बहुत प्यार करता है. इसलिए मां को अपने लाडले की पंसद ना पसंद के बारे में बहुत अच्छे से पता होता है. इसी के चलते मां बेटे की हर एक चीज का कहे और बिना कहे भी पूरा ख्याल रखती है. ऐसे ही वो शादी के बाद अपनी लाइफ पार्टनर से भी उम्मीद करते हैं जोकि बिल्कुल भी जायज नहीं होती है. 


अपना पहनावा बदलने के लिए मजबूर करना
शादी के बाद लड़कियों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा उनका पहनावा बन जाता है. सास-ननद हो या पति हर कोई बहु से यही उम्मीद करते हैं कि वो उन्हीं के पसंद के कपड़े पहनें. ऐसा करने में कुछ दिनों तक तो कई परेशानी नहीं होती है लेकिन थोड़े समय बाद ये पाबंदियां बर्दाश्त के बाहर हो जाती हैं. खासकर ऐसी लड़कियों के लिए एडजस्ट करना बहुत मुश्किल हो जाता है जिन्होनें आज तक कुछ भी पहनने के लिए आपने माता-पिता की भी कोई परमिशन न ली हो. ऐसे में पति उनसे उम्मीद न रखकर रिक्वेस्ट करें कि वो कुछ जगहों पर घर वालों के हिसाब से कपड़े पहनें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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