साढ़े साती और ढैय्या: जीवन में शनि की साढ़े साती सबसे कष्टकारी समयों में से एक होता है. ढैय्या तो ढाई वर्ष बाद समाप्त हो जाती है लेकिन साढ़े साती पूरे सात वर्षों तक व्यक्ति की कड़ी परीक्षा लेती है. इस दौरान उस व्यक्ति को शनि देव के प्रकोप का सामना करना पड़ता है. इसके तीन चरण होते हैं. आइए जानते हैं इनके तीन चरण और इसके प्रभाव से बचने के लिए उपाय. 


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उदय चरण: यह पहला चरण पूरे ढाई वर्षों तक अपना प्रभाव देता है. ज्योतिष शास्त्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस चरण में शनि देव मस्तक पर सवार रहते हैं जिस कारण से मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ता है. इस दौरान उस व्यक्ति को आर्थिक स्थिति बिगड़ती है, कई तरह की चिंता सताती है, शरीर को कष्ट मिलता है और घर परिवार में आए दिन कलह की संभावना बनी रहती है. 


मध्य चरण: यह शनि देव के साढ़े साती का दूसरा चरण होता है. इस चरण की आयु ढाई वर्ष की होती है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इस चरण में शनि महाराज व्यक्ति के कंधे पर सवार रहते हैं. यह चरण भी व्यक्ति की कड़ी परीक्षा से गुजरने का समय होता है. इस चरण में व्यक्ति को बहुत ही कड़ी मेहनत करनी होती है जिसकी सफलता भी उसे मिलती है. यह चरण व्यक्ति को सफलता देता है, धन लाभ और समाज में प्रतिष्ठा देता है. मध्य चरण की परीक्षा और परिश्रम ही व्यक्ति को योग्य बनाने में सहायता करता है. 


अस्त चरण: शनि देवता के साढ़े साती का यह अंतिम चरण होता है. यह भी बाकी दो चरणों की तरह ही ढाई वर्ष का होता है. शनि महाराज के अस्त चरण का प्रभाव व्यक्ति को पैरों में होता है. इस चरण की बात करें तो इसमें व्यक्ति को थोड़ी राहत मिलती है फिर भी शनि देवता के प्रकोप के कारण उसे कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस चरण में यह बहुत आवश्यक है कि व्यक्ति अपने जीवन का संतुलन बनाए रखे. इस चरण के समाप्त होते ही व्यक्ति को शनि की साढ़े साती से पूर्ण रुप से मुक्ति मिल जाती है. 


शनि की साढ़े साती के उपाय: ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शनि की साढ़े साती के दौरान कुछ उपाय करने से जीवन में लाभ मिलता है साथ ही इन उपायों से व्यक्ति को कष्ट से कुछ हद तक राहत मिल जाती है. इस दौरान दान करना, शनि मंत्र का जाप करना, महादेव की आराधना करना और काले तिल और उड़द का दान करने से शनि महाराज के प्रकोप से थोड़ी राहत मिलती है. इसके साथ प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी अत्यंत ही लाभकारी माना गया है. 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. हमने इस खबर को लिखने में सामान्य जानकारियों और धार्मिक मान्यताओं की मदद ली है. इसके सही या गलत होने की पुष्टि ZEE NEWS हिंदी नहीं करता है.