नई दिल्ली: जून में मंगल और शनि ग्रह आमने सामने होंगे. इसके साथ ही सूर्य और शनि का भी अशुभ संयोग बनेगा. जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी. 


12 में से 5 ग्रहों की चाल बदलेगी


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इस महीने 12 में से 5 ग्रहों की चाल में बदलाव होगा. मंगल (Mars) ग्रह 2 जून को राशि बदलकर कर्क में आ चुका है. जिसके बाद अब ये अपने शत्रु ग्रह शनि के सामने है. इस तरह शनि (Saturn) और मंगल का अशुभ योग बनेगा. जिससे देश-दुनिया में तनाव, विवाद और झगड़े बढ़ेंगे. देश की सीमाओं पर भी तनाव बढ़ सकता है. 


इस महीने बदलेगी बुध की चाल


इसी महीने बुध की चाल भी बदलेगी. बुध ग्रह वक्री यानी टेढ़ी चाल चलते हुए आगे बढ़ने की बजाए 3 जून को एक राशि पीछे आ जाएगा. ये ग्रह सूर्य के पास होने की वजह से अस्त भी रहेगा. इस कारण देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और इंपोर्ट-एक्सपोर्ट से जुड़े बड़े मामले सामने आएंगे. इस ग्रह के कारण गले से जुड़ी बीमारियां बढ़ सकती हैं.


सूर्य (Sun) और मंगल की राशि में बदलाव होने से अशुभ योग बनेगा. जिनका असर देश की राजनीति पर पड़ेगा. इस महीने शनि जयंती पर साल का पहला सूर्यग्रहण होने वाला है. भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका प्रभाव यहां के लोगों पर नहीं पड़ेगा. इसके बावजूद मौसम में अचानक बदलाव और प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका रहेगी. 


शनि जयंती पर सूर्यग्रहण


ज्येष्ठ महीने की अमावस्या पर शनि जयंती पर्व मनाया जाता है. इस बार शनि जयंती पर साल का पहला सूर्यग्रहण भी हो रहा है. ज्योतिष में सूर्य और शनि आपस में शत्रु माने जाते हैं. इसलिए ज्योतिषीय नजरिये से शनि देव की जन्म तिथि अमावस्या पर सूर्यग्रहण होना अशुभ फल देने वाला रहेगा. 


इस महीने 15 जून को सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेगा. इस दिन मिथुन संक्रांति पर्व रहेगा. इसके बाद अगले एक महीने तक सूर्य और शनि आपस में छठी और आठवीं राशि में रहेंगे. इस स्थिति को षडाष्टक योग कहा जाता है. ये एक अशुभ योग है. सूर्य और शनि आपस में शत्रु होने के कारण इस योग के प्रभाव से देश की जनता और प्रशासन के बीच अविश्वास बढ़ेगा. लोग प्रशासन से असंतुष्ट रहेंगे.


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गुरू ग्रह 21 जून से हो जाएगा वक्री


देवताओं के गुरु बृहस्पति ( Jupiter) को धन, विवाह, ज्ञान और सत्कर्म का कारक माना गया है. उन्हें सर्वाधिक शुभ एवं शीघ्रफलदाई ग्रह माना गया है.  यह ग्रह 21 जून से गुरु कुंभ राशि में वक्री हो जाएगा. यानी टेढ़ी चाल से चलने लगेगा. बृहस्पति की चाल में बदलाव होने से कई लोगों की सेहत बिगड़ सकती है. इससे प्राकृतिक आपदाएं और बीमारियां बढ़ने की आशंका रहेगी.


शुक्र ग्रह 22 जून को शुक्र मिथुन से निकलकर कर्क राशि में आ जाएगा और अपने मित्र शनि के साथ समसप्तक योग बनाएगा. शुक्र की इस स्थिति से कई लोगों की सेहत संबंधी परेशानियां कम होने लगेंगी. बीमारियों में भी राहत मिलेगी. शुक्र के प्रभाव से लोगों का सुख भी बढ़ेगा.


(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)


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