Aries Child: परिवार में अपने बच्चों को आप पूरी तरीके से अपने सांचे में नहीं ढाल सकते हैं, लेकिन इनकी राशियों के माध्यम से इनके स्वभाव, और आदतों जैसी कुछ बुनियादी बातें जान कर उनकी कमियों को दूर जरूर कर सकते हैं, शरारत तो बाल आयु में भगवान श्री कृष्ण भी करते थे. हम लोग आज मेष लग्न या राशि वाले बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हैं. मेष वाले बच्चों के अंदर किस प्रकार की प्रतिभा होती है इसको गहराई से जानते हैं. पूत के पाँव पालने में देखते हैं -  


चापलूसी करके इन्हें रख सकते हैं खुश  


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ऐसे ऐसे बच्चे सपने देखने वाले, भावुक, असामान्य व्याख्याकार, उदार होने के साथ-साथ इनमें जन्मजात नेतृत्व का गुण होता है. ये हर वक्त आपका ध्यान अपने ऊपर चाहते हैं. आप इनकी चापलूसी यानी लाड़ दुलार और तारीफ करते रहें तो ये खुश हो जाते हैं. 


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बाहर घूमने की करते हैं जिद्द 


इस राशि के बच्चे घूमने के शौकीन होते हैं इसीलिए बार-बार आपसे बाहर घूमने की जिद्द करते हैं. बाहर से घूम कर आने के बाद भी इनकी इच्छा बाहर ही रहने की होती है. इनकी आंखें गोल किंतु घुटने कुछ कमजोर होते हैं. 



गुस्सा आया तो देर से उतरता है


इस राशि के बच्चों को यूं तो गुस्सा कम आता है किंतु जब आता है तो फिर आसानी से नहीं उतरता है. ये बहुत जिद्दी स्वभाव के होते हैं जो काम ठान लेते हैं, उसे करके ही मानते हैं. बाहरी तौर पर आपको ऐसा लगे कि उसने ठाने हुए काम को छोड़ दिया है किंतु ये बच्चे भीतर  ही भीतर उस काम को पूरा करने का तिकड़म लगाते रहते हैं. 


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जल्दी नहीं भूलते कोई बात, जबान खाली तो हो जाते नाराज  


मेष राशि के बच्चे किसी भी बात को आसानी से नहीं भूलते हैं, यही वजह है कि यदि स्कूल में किसी बच्चे से झगड़ा हो गया तो तब तक नहीं भूलते जब तक उससे बदला न ले लें. इनकी मानसिकता राज करने की होती है. किसी साथी से कुछ कहा और उसने बात नहीं मानी तो ये नाराज हो जाते हैं क्योंकि ये न सुनने के आदी नहीं होते हैं.


इंजीनियर या डॉक्टर बनने की रहती है संभावना 


इन बच्चों के अन्य ग्रहों की स्थिति ठीक-ठाक हो तो इंजीनियर अथवा डॉक्टर बनने की संभावना रहती है. ये लोग अपनी तकलीफ जल्दी किसी को नहीं बताते हैं, इन्हें जब भी मौका मिलता है, लाभ उठाने से भी नहीं चूकते हैं. 


कैसा हो आपका व्यवहार 


इनको चोट से बचाना चाहिए, यह अपना होम-वर्क न करने के लिए कोई न कोई बहाना ढूंढ ही लेते हैं. इसलिए शुरू से ही इन पर कड़े नियम लागू करना चाहिए. इनके उत्साह को कभी भी दबाने की कोशिश न करें अन्यथा ये इस बात को यह दिल से लगा लेते हैं. किसी का आदेश मानना इन्हें नागवार गुजरता है, यदि आप नरमी और प्यार से मुस्कुरा कर किसी काम के लिए कहेंगे तो ये झट से कर देंगे. अपनी प्रशंसा सुन कर यह  बहुत ही खुश होते हैं परंतु गुस्सा आने पर ये बच्चे सब कुछ भूल जाते हैं. पानी से हमेशा सावधान रहना चाहिए, कभी पानी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. 


 
जादूई मंत्रः आलस्य  न करें, रहेंगे फुर्तीले तो आएंगे हमेशा फर्स्ट   


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)