Angarak Dosh Upay: कुंडली में राहु के साथ मंगल की युति होने पर अंगारक दोष का निर्माण होता है. इस योग के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति के स्वभाव में बहुत तेजी से परिवर्तन होता है, उसे बहुत अधिक गुस्सा आने लगता है. कई बार तो गुस्से का वेग इतना अधिक हो जाता है कि दूसरे संभालने आते हैं तो भी नहीं संभाल पाते. इस योग के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में लड़ाई झगड़े की स्थिति बन जाती है.  


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अंगारक दोष 
अंगारक दोष के कारण व्यक्ति का स्वभाव आक्रामकता से भरपूर हो जाता है. हिंसक व नकारात्मक हो जाता है, उसके अपने ही भाइयों, मित्रों तथा अन्य रिश्तेदारों के साथ संबंध खराब हो जाते हैं. धन संबंधी परेशानियां तो बनी ही रहती हैं. यदि यही दोष किसी महिला की कुंडली में आ जाए तो उसे संतान होने में बाधा आती है. इस योग की स्थिति में उसकी शांति के उपाय न करने से परेशानियां लम्बें समय तक बनी रहती हैं, इसलिए ज्योतिष शास्त्र में बताए गए उपायों को अवश्य ही करना चाहिए ताकि अंगारक दोष का प्रभाव कुछ कम हो सके. 


 


अंगारक दोष के उपाय


- इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए मंगलवार के दिन व्रत कर हनुमान जी की आराधना करना लाभदायक रहता है. हनुमान जी की आराधना दोनों ही ग्रहों को पीड़ा मुक्त करती है.  


- भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से भी इस योग से मिलने वाली पीड़ा में लाभ मिलता है. 


- आवारा कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए. 


- राहु ग्रह की शांति के लिए किसी कर्मकांडी आचार्य से घर पर हवन कराना चाहिए. 


- अंगारक दोष से पीड़ित व्यक्ति नित्य मेडिटेशन करने से भी लाभ मिलता है. इसके साथ ही किसी भी तरह के विवादों से दूर रह कर शांत रहने का प्रयास करें. 


- इस योग की स्थिति में सत्संग में भाग लें, वहां संतों के वचन सुनने से मन को शांति मिलेगी. 


- रोज शाम को घर पर दीया या धूप अवश्य जलाएं.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)