Astro Tips: मन का स्वभाव चंचल होता है, ऐसे में मन अच्छा हो तो किसी भी कार्य को पूरे उत्साह के साथ करने में नहीं चूकता और मन न होने पर उस ओर देखना भी पसंद नहीं करता है. कुछ लोग कार्य तो करते हैं किंतु उसमें किसी न किसी तरह की बाधाएं आती रहती हैं. या फिर कार्य करने में कुशलता को लेकर टेंशन बनी रहती है. बेमन काम का प्रेशर लेना भी कभी-कभी स्वास्थ्य में गिरावट कर देता है. आप इन तीनों तरह की समस्याओं का निदान पा सकते हैं, बस इसके लिए कुछ उपाय करने होंगे. 


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लौंग और कपूर का टुकड़ा
मजबूरी में किए जाने वाले कार्य यानी अनिच्छा को इच्छा में बदलने के लिए दो लौंग और एक कपूर का टुकड़ा लें. दोनों को तीन बार गायत्री मंत्र पढ़ कर अभिमंत्रित कर लें और इसके बाद उन्हें जला दें. जलाते समय अपना मुख पूर्व की ओर रखें और गायत्री मंत्र का जाप करते रहें फिर भस्म को माथे पर लगाए, अनिच्छा इच्छा में बदलने लगेगी. 


 


पूर्णमासी का व्रत
मन का कारक चंद्रमा को माना गया है, जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा शुभ फल नहीं देते हैं, उन्हें एकाग्रता बनाए रखने में समस्या होती है. पूर्णमासी का व्रत करना चाहिए. इस दिन चन्द्रमा को खीर का भोग लगाने के साथ ही उसे पूरी रात चंद्र देव के सामने रखें. दूसरे दिन प्रातः स्नान करने के बाद सबसे पहले खीर का प्रसाद ग्रहण करें और सभी लोगों को भी दें. 


 


मंगलवार के दिन करें ये काम
कार्यकुशलता न होने के कारण आपको कार्यों में सफलता नहीं मिल पा रही है. यदि आप काफी समय से अनुभव कर रहे हैं कि आपकी कोशिशें भी कार्यकुशलता बढ़ाने में नाकामयाब हो रही हैं. आपके मन में यह बात घर कर गयी है कि किसी ने कुछ करा रखा है या स्वयं ही निराशा बढ़ती जा रही है तो आपको इस उपाय को करना चाहिए.


 


मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर पहले लोगों को प्रसाद बांटे फिर हाथों का सिंदूर लेकर माथे, बाहों और अंत में छाती पर तिलक करें और श्री हनुमते नमः का जप करते रहें, हनुमान जी की कृपा रही तो सब ठीक हो जाएगा.   


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)