Method of Performing Baglamukhi Yagya: बगलामुखी मां को स्तम्भन शक्ति की देवी माना जाता है. मान्यता है कि उनका यज्ञ करने से आत्माओं, यक्षिणी और दुष्ट व्यक्तियों का प्रभाव दूर करने में मदद मिलती है. जो जातक इस यज्ञ को पूरा करते हैं, मां बगलामुखी उनके जीवन की सभी परेशानियों को हर लेती हैं और उन्हें धन से भरपूर जीवन जीने की शक्ति प्रदान करती हैं. बगलामुखी की भक्ति से जातक के आसपास कोई बुरी शक्ति टिक नहीं पाती और वह सम्मान का पात्र बनता है. 


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बगलामुखी यज्ञ का महत्व और लाभ


सनातन धर्म के विद्वानों के अनुसार, यदि आपके बनते हुए काम अटक जाते हैं. घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव महसूस होता है, आर्थिक रूप से परेशान रहते हैं या साधना में सफलता नहीं मिलती तो आप मां बगलामुखी का यज्ञ करें. इस यज्ञ को सनातन धर्म में एक प्रमुख हवन प्रक्रिया माना गया है. इस यज्ञ को करने से मां बगलामुखी की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से सभी कष्टों और विपत्तियों का नाश हो जाता है. जो जातक नियमित रूप से यह अनुष्ठान करते हैं, वे जीवन में शांति और स्थिरता को हासिल कर लेते हैं. 


बगलामुखी यज्ञ कैसे किया जाता है?


बगलामुखी यज्ञ को कई पद्धतियों से संपन्न किया जाता है. इस यज्ञ में इसमें बगलामुखी देवी की प्रतिमा या चित्र रखकर उनकी आराधना की जाती है. इसके बाद अग्नि प्रज्वलित कर यज्ञ शुरू किया जाता है. इस दौरान विशेष मंत्रों का जाप लगातार चलता रहता है. यज्ञ के पश्चात पुरोहित को उचित दक्षिणा और दान दिया जाता है. साथ ही उपस्थित लोगों को प्रसाद बांटा जाता है.  


बगलामुखी यज्ञ के लाभ क्या हैं?


धार्मिक विद्वानों के अनुसार, बगलामुखी यज्ञ करने से विरोधियों को पस्त किया जाता है, जिससे शांति और सुरक्षा हासिल होती है. इस यज्ञ को करने से लंबे वक्त से चले आ रहे प्रयासों का फल मिलता है और साधना में सफलता मिलती है. इस हवन को करने से अशुभ गतिविधियों और विपत्तियों का अंत होता है और जातक मानसिक-आध्यात्मिक शांति का अनुभव करता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)