Pitra Dosh: कब है भाद्रपद अमावस्या, शिव योग में ये उपाय करने से सभी 12 राशियों को मिलेगा पितृ दोष से छुटकारा
Bhadrapada Amavasya 2024: हर माह कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि अमावस्या होती है. शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व है. भाद्रपद माह में आने वाली अमावस्या को भाद्रपद अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत रखने और उपवास आदि करने से सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है.
Pitru Dosh Upay: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन किए गए उपवास, व्रत आदि करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है. साथ ही, कुंडली में अशुभ दोषों से छुटकारा मिलता है और विशेष फल की प्राप्ति होती है. वैदिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को अमावस्या का व्रत रखा जाता है.
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र में इस दिन पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए कुछ लाभदायी माना गया है. जानें इस बार भाद्रपद अमावस्या का व्रत कब रखा जाएगा और उस दिन कौन-कौन से शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. इससे व्यक्ति को सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
कब है भाद्रपद अमावस्या 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद अमावस्या तिथि का आरंभ 2 सितंबर 2024 को सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर इसका समापन अगले दिन 03 सितंबर सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार भाद्रपद अमावस्या का व्रत 2 सितंबर 2024 को रखा जाएगा. भाद्रपद अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है. इसलिए इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है.
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सोमवती अमावस्या के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन स्नान का शुभ समय सुबह 04 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक है. इसके बाद इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें. पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है.
बन रहा है ये शुभ योग
बता दें कि भाद्रपद अमावस्या के दिन कई साल बाद 2 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. इस दिन सूर्योदय से लेकर शाम 6 बजकर 20 मिनट तक शिव योग रहेगा और इसके बाद सिद्ध योग का आरंभ होगा. मान्यता है कि शिव योग में पूजा करने से देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है. वहीं, इस दिन विधिपूर्वक पूर्वजों का तर्पण आदि करने से पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है.
भाद्रपद अमावस्या के उपाय
- ज्योतिष शास्त्र में भाद्रपद अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से कुंडली में कमजोर ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
- वहीं, इस दिन शादीशुदा लोग वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए व्रत रखते हैं. इससे घर में सुख-शांति का वास होता है. साथ ही, लाइफ पार्टनर के साथ संबंधों में मजबूती आती है.
- भाद्रपद अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए तर्पण आदि करना शुभ माना गया है. अमावस्या तिथि पर विधिपूर्वक पूजा करने से पितरों का आशीर्वदा मिलता है. बता दें कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद शिव योग में तर्पण करने से लाभ होगा. पितरों को सफेद फूल, कुशा और काले तिल अवश्य अर्पित करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)