Astro Tips: स्टील के बर्तन में रखते हैं भोग तो नहीं मिलेगा लाभ, जानें क्या है भोग के नियम
Bhog Ke Niyam: पूजा-पाठ के दौरान भगवान को भोग जरूर लगाया जाता है. इससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है, हालांकि भोग से जुड़े नियमों का पालन करना जरूरी है. तो आइए विस्तार से जानते हैं इन नियमों के बारे में.
Rules Of Offerings To Lord: हिंदू धर्म में रोजाना पूजा-पाठ किया जाता है. ये भगवान को धन्यवाद देना एक तरीका है. पूजा-पाठ से व्यक्ति अपने ईष्ट के और भी करीब महसूस करता है. पूजा-पाठ के दौरान कुमकुम, फूल, दीपक, धूप आदि जलाकर भगवान की प्रार्थना की जाती है. इसके बाद भगवान को भोग लगाया जाता है यानी प्रसाद रखा जाता है. इसे भगवान के खाने के बाद परिवार के सभी सदस्यों को बांटा जाता है. भोग से जुड़े ज्योतिष शास्त्र में कुछ नियम बताए गए हैं, जिससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है.
भोग के नियम
भोग या प्रसाद को भगवान के सामने रखने के बाद अक्सर हमारे मन में ये सवाल आता है कि आखिर कितने समय तक भोग को भगवान के सामने रखना चाहिए. तो आपको बता दे कि भोग को न ही बहुत जल्द उठा लेना चाहिए और न ही लंबे समय तक इसे रखे रहने देना चाहिए.
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कितने समय बाद हटाएं
शास्त्रों के अनुसार भोग लगाने के करीब 5 मिनट बाद प्रसाद को मंदिर से हटा लेना चाहिए. कहते हैं यदि लंबे समय तक प्रसाद मंदिर में रखा रहता है तो इससे नकारात्मकता आती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भोग को ज्यादा देर तक मंदिर में रखे रहने देने से बुरी शक्तियां जैसे विश्वक्सेन, चंडांशु और चांडाली घर में प्रवेश करने लगती है.
इसके अलावा साइंटेफिक रीजन है कि लंबे समय तक भोग खुला रखा रहे तो इससे भोग में मक्खी या छोटे कीड़े भिनभिनाने लगते हैं जो सेहत खराब कर सकते हैं.
भोग को बांटकर खाएं
प्रसाद को हमेशा बांटकर ही खाना चाहिए. इससे इसका पूरा लाभ मिलता है.
इन बातों का भी रखें ध्यान
शास्त्रों के अनुसार भोग को हमेशा सोना, चांदी, तांबा, लकड़ी या मिट्टी के बर्तन में रखना चाहिए. इसके लिए स्टील, एल्युमीनियम, प्लास्टिक आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए. ये शुभ नहीं माना जाता.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)