Chaitra Month 2024: हिंदू धर्म में सेहत और समृद्धि के लिए चैत्र माह को सबसे खास माना जाता है. दरअसल सर्दियों के मौसम के बाद ही इसी महीने से गर्मी के मौसम की शुरूआत हो जाती है. मौसम परिवर्तन की वजह से कई प्रकार की बीमारियां पनपती हैं. यही वजह है कि इस माह में सर्दी, खासी, जुकाम, गले में दर्द, पेट दर्द, उल्टी और अन्य प्रकार की बीमारियां व्यक्ति को घेर लेती हैं. इसलिए चैत्र माह के महत्व और इस माह में अपनाएं जाने वाले नीम के खास उपायों के बारे में जानते हैं. 


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दरअसल चैत्र माह में नीम के पेड़ में मां शीतला और दुर्गा माता का वास माना जाता है. इसलिए इनकी असीम कृपा से सेहत और समृद्धि को अर्जित किया जाता है. आइए विस्तार में चैत्र माह के महत्व और बीमारियों से बचने के उपायों के बारे में जानें.


चैत्र माह में नीम के पेड़ में होता है इन दो देवियों का वास


आयुर्वेद में भी नीम के पेड़ का बहुत बड़ा महत्व है. बतादें कि चैत्र माह में नीम के पेड़ में मां दुर्गा के साथ माता शीतला का वास होता है. इसलिए मंगलवार के दिन नीम के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए. बतादें कि मंगलवार के दिन नीम के पेड़ में चमेली के तेल का दिया दिखा कर जल जरूर अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से मानसिक के साथ शारीरिक रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है.


चैत्र माह में नीम के दातुन का करें इस्तेमाल


चैत्र माह में वायु में कई प्रकार के बैक्टीरिया पनपते हैं इसलिए सुबह सुबह उठकर नीम के दातुन से मुंह की सफाई करनी चाहिए. ऐसा करने से दांतों की सफाई तो होती ही है साथ ही पेटों की भी सफाई होती है. नीम में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो पेट को साफ रखने में भी मदद करती है.


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नीम के पत्तों का करें सेवन


नीम के कड़वे पत्तों के सेवन से डायबिटीज और किडनी से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इसलिए रोजाना नीम के पत्तों का सेवन अवश्य करना चाहिए.


नीम के पेड़ की करें पूजा


चैत्र माह में नीम के पेड़ में मां शीतला के साथ मां दुर्गा का वास होता है. इसलिए इस माह में नीम के पेड़ में जल जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती रहेगी. जल अर्पित करते समय ऊं शीतला मात्रे नम मंत्र का अवश्य जाप करें. ऐसा करने से सेहत और समृद्धि दोनों ही बनी रहती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)