Health Astrology: कुंडली में लग्न का स्वामी कमजोर होने पर होती हैं गंभीर बीमारियां, जानें कैसे करें लग्न को मजबूत
Health Astrology: आज हम आपको तीन राशियों में लग्न और लग्नेश को मजबूत करने के लिए उपाय बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
Health Astrology: कुंडली में लग्न और लग्नेश का मजबूत होना काफी जरूरी माना जाता है. इन दोनों की ताकत से ही व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ रहता है. अगर कुंडली में लग्न और लग्नेश मजबूत नहीं होते हैं तो व्यक्ति को कई रोगों से लड़ना पड़त सकता है. आज हम आपको तीन राशियों में लग्न और लग्नेश को मजबूत करने के लिए उपाय बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं.
मेष राशि
मेष राशि और लग्न के स्वामी मंगल होते हैं और इन्हें दो घरों का आधिपत्य प्राप्त है. मंगल के साथ शुक्र की युति यदि कुंडली के बारहवें और छठे स्थान पर है तो व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है. ऐसे लोगों को आलस्य के चलते कई बीमारियों से शिकार होना पड़ता है. लग्न में मंगल के साथ राहु और सूर्य रक्त से संबंधित रोग को जन्म देते हैं. हनुमान जी को प्रत्येक मंगलवार के दिन मीठे का भोग लगाएं. सुंदरकांड और हनुमान चालीसा को पूजा में जोड़ लें.
वृष राशि
वृष राशि और लग्न का स्वामी शुक्र होता है. अगर शुक्र कुंडली में पांचवें स्थान में बैठ जाए तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को दिमाग संबंधी परेशानी हो सकती है. ऐसा व्यक्ति मानसिक रूप से चिंतित रहता है. पाचन तंत्र बिगड़ जाता है. शुक्र को मजबूत करने के लिए प्रत्येक शुक्रवार के दिन चीनी और चावल का दान करना चाहिए. इसके अलावा हीरा धारण करने से शुक्र मजबूत होता है यदि किसी कारणवश यह नहीं कर पाते हैं तो स्फटिक की माला भी धारण कर सकते हैं. देवी की उपासना करने से भी लग्न को मजबूत किया जा सकता है.
मिथुन राशि
मिथुन लग्न में भी लग्नेश बुध दशम भाव में हो तो वह चतुर्थ भाव का स्थायी होकर नीच का होगा. ऐसे व्यक्ति फेफड़े, सांस की नली, अंतड़ियों और दमा रोग से पीड़ित हो सकते हैं. इन लग्न वालों को वायु रोग या सांस से संबंधित बीमारी भी हो सकती है. लग्नेश के राहु के साथ पीड़ित होने पर त्वचा संबंधित रोग हो सकते हैं. इसके अलावा पित्त की मात्रा भी शरीर में अधिक हो जाती है. लग्नेश बुध को मजबूत करने के लिए पन्ना धारण करना चाहिए, इसके अलावा श्री विष्णु जी की उपासना करनी चाहिए जिससे लग्न और लग्नेश मजबूत होगा.
कर्क राशि
कर्क लग्न में अगर लग्नेश पंचम भाव में हो तब उन्हें अधिकतर गैस, ब्लड प्रेशर, और पेट से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. मन चंचल होने के साथ ही यह डॉक्टर के बताए परहेज नहीं कर पाते. कभी कभी सोचने की शक्ति भी कमजोर पड़ जाती है. चंद्रमा यदि कुंडली में पीड़ित हो जाए या फिर लग्न पर क्रूर ग्रह बैठ जाए तो व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है. चंद्रमा के पीड़ित होने से कफ संबंधी रोग अधिक होते हैं और जल्दी ठीक नहीं होते हैं. लग्नेश चंद्रमा को मजबूत करने के लिए रत्न में मोती धारण करना चाहिए. पूर्णिमा के दिन चंद्र दर्शन करने से भी कर्क लग्न वालों की लग्न मजबूत होती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.