Why Lohri Celebrated: लोहड़ी पंजाबियों का सबसे पसंदीदा त्योहार और साल का सबसे पहला त्योहार जिसका सभी को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है. हर साल लोहड़ी का त्योहार काफी उत्साह के साथ 13 जनवरी को मनाया जाता है. इस त्योहार को खुशी को उत्साह के साथ खासतौर पर पंजाब सहित उत्तर भारतीय राज्यों, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में मनाया जाता है. लोहड़ी एक ऐसा त्योहार है जो किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. लेकिन क्या आप जानते है कि लोहड़ी का पर्व आखिर क्यों मनाया जाता है. तो आइए जानते है...


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लोहड़ी के साथ लंबे दिनों की शुरुआत 
लोहड़ी का पर्व को फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है. ये पारंपरिक रूप से कृषि पर निर्भर परिवारों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. ये पर्व भरपूर फसल के आभार को व्यक्त करने का समय दर्शाती है. ये पर्व खासतौर पर अग्नि की पूजा से जुड़ा हुआ है, जो गर्मी के साथ-साथ समृद्धि का प्रतीक है. साल के पहले त्योहार के साथ ही सर्दी कठोर होने लग जाती है और लंबे दिनों की शुरुआत हो जाती है.    


किसानों के लिए काफी विशेष 
लोहड़ी कहने को पंजाबियों का त्योहार है लेकिन आज के दिनों में इसे भारत में काफी जोरदार तरीके से और धूमधाम से मनाया जाता है. ये त्योहार किसानों के लिए काफी विशेष होता है. इस त्योहार के साथ ही गेहूं, गन्ना और सरसों जैसी रबी फसलों की कटाई का मौसम आ जाता है. ये पर्व किसानों के लिए नए कृषि चक्र की शुरुआत का प्रतीक होता है. 


भागदौड़ भरी जिंदगी में लोहड़ी का महत्व  
बता दें कि लोहड़ी का त्योहार एकजुटता का पर्व है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोहड़ी दोस्तों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों से मिलने का मौका देती है. वहीं ये लोहड़ी का पर्व नवजात शिशुओं और नवविवाहितों वाले परिवारों के लिए काफी विशेष होता है. शिशु या विवाहित जोड़े के लिए पहली लोहड़ी विस्तृत अनुष्ठानों, आशीर्वाद और समारोहों के साथ मनाई जाती है. परिवार नए सदस्यों के लिए समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशी की कामना करते हैं.