Sawan Puja Rules of Lord Shiva: भगवान शिव को देवों का देव कहा जाते जाता है. उनका स्वभाव बेहद सरल है, जिस वजह से उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है. सावन का महीना उन्हें बेहद प्रिय है. इस महीने में भोलेनाथ की आराधना करने से जातक की तमाम इच्छाएं पूरी होने लगती हैं और जीवन को घेरे हुए तमाम परेशानियों से निजात मिल जाती हैं. इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होने वाला है, जिसमें भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. आज हम आपको उन 5 कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको भूलकर भी सावन में नहीं करना चाहिए वर्ना भोलेनाथ के क्रोध से आपको कोई नहीं बचा सकेगा. 


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भगवान शिव की पूजा में क्या न करें? 


भगवान शिव की पूजा करने के दौरान भूलकर भी उन्हें नारियल या नारियल पानी अर्पित नहीं करना चाहिए. इसकी ये है कि नारियल को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. 


जब आप भोलेनाथ की आराधना करें तो गलती से भी सिंदूर या कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए. ये सब चीजें सुहाग की निशानी होती हैं, जबकि भोलेनाथ आदियोगी हैं. ऐसे में इन चीजों के अर्पण से वे नाराज हो सकते हैं.


चाहे सावन हो या कोई और महीना, उसमें भगवान शंकर की पूजा करते वक्त तुलसी की पत्तियों का प्रयोग करना वर्जित है. असल में तुलसी को मां लक्ष्मी का पर्याय माना जाता है, जिसका भोलेनाथ को अर्पण करने से फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है. 


धार्मिक विद्वानों के मुताबिक भगवान शिव की स्तुति के दौरान उन्हें केतकी या कमल के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए. ये दोनों ही फूल भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रिय माने जाते हैं. इसके बजाय उन्हें सफेद रंग के फूल अर्पित कर सकते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)