Makar Snakranti ke Upay: दान का कार्य बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है, इससे जहां एक ओर किसी की जरूरतें पूरी होती हैं वहीं दूसरी ओर दानकर्ता के मन में आत्मसंतुष्टि का भाव आता है. यूं तो दान कभी भी किया जाता है क्योंकि इससे जरूरतमंद लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है. लेकिन कुछ मौकों को दान-धर्म के लिए विशेष बताया गया है. धर्मशास्त्र कहते हैं कि दान के लिए सूर्य की 12 संक्रांतियां श्रेष्ठ होती हैं. सूर्य प्रत्येक माह में राशि परिवर्तन करते हैं जिसे संक्रांति कहा जाता है. 


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दान को लेकर ना करें ये गलती 


धनु से मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहते हैं जो दान के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना जाता है. इसके अलावा प्रत्येक मास में अमावस्या और पूर्णमासी की तिथियां भी होती हैं जिनमें दान करने की परम्परा है. किसी भी तरह का ग्रहण अर्थात सूर्य अथवा चंद्र ग्रहण कोई भी हो, इसमें भी ग्रहण काल की समाप्ति के बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान किया जाना चाहिए. लेकिन इस बात का विशेष ध्‍यान रखें कि दान करना है तो सच्ची भावना से शांति के साथ करें. इस कार्य को लेकर किसी तरह का ढिंढोरा ना करें. ऐसा करने से दान का पूरा फल नहीं मिलता है. शास्‍त्रों में गुप्‍त दान को सर्वश्रेष्‍ठ बताया गया है. 


ग्रहों के अनुसार दान 
 

यदि कुंडली में किसी ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं तो उस ग्रह से संबंधित चीजें दान करना सबसे आसान उपाय है. इस लेख के जरिए जानते हैं कि  किस ग्रह को अनुकूल करने के लिए किन वस्तुओं का दान करना चाहिए. 


सूर्य - सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए क्रीम कलर के कपड़े, गुड़, मिठाई, सोना, गेहूं आदि दान करना चाहिए. 


चंद्र - चंद्रमा को अनुकूल बनाने के लिए सफेद वस्त्र, दही, मोती, चांदी, दूध एवं पानी आदि का दान करना श्रेयस्कर रहता है. 


मंगल - मंगल के लिए गेहूं, लाल कपड़ा, गुड़, स्वर्ण, तांबा एवं मीठा दान करना चाहिए. 


बुध  - बुध के लिए हरा वस्त्र, मूंग की दाल, हरे रंग की वनस्पति आदि का दान किया जाता है. 


गुरु - गुरु को साधने के लिए किताबें, चने की दाल,  पीला कपड़ा, समिधा, घी एवं गाय का दान करना चाहिए. 


शुक्र - शुक्र को संतुष्ट करने के लिए लेटेस्ट फैशन के हिसाब से नवीन कपड़ा, शक्कर, हीरा एवं जूस का दान किया जाता है.  


शनि - नीला वस्त्र, तिल, लोहे का सामान, रिक्शा, ट्राई साइकिल आदि का दान करने से शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है. 


राहु - हवन सामग्री, चंदन, विदेशी भाषा की पुस्तकें, गोमेद रत्न का दान करके राहु को प्रसन्न करना चाहिए. 


केतु - केतु को अनुकूल बनाने के लिए कंबल, चप्पल, हेयरबैंड, जनेऊ, लहसुनिया का दान करना चाहिए.