Nautapa Kab Se Lagega 2024 Mein: जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो नौतपा शुरू होते हैं. नौतपा यानी कि वो 9 दिन जब उत्‍तर भारत में सबसे ज्‍यादा गर्मी पड़ती है. साल में इस समय पृथ्‍वी सूर्य के सबसे ज्‍यादा करीब होती है और धरती पर सूरज की किरणें सीधी पड़ती हैं. इससे सूर्य की प्रचंड गर्मी के कारण भीषण गर्मी पड़ती है. ज्‍योतिष और वैज्ञानिक दृष्टि से नौतपा बहुत खास माने गए हैं. साथ ही नौतपा से जुड़ी कई धार्मिक मान्‍यताएं भी हैं. इसके अलावा ये 9 दिन सूर्य देव की कृपा पाने के लिए भी खास होते हैं. कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत हो तो जातक को खूब तरक्‍की, यश और प्रतिष्‍ठा मिलती है. उसका व्‍यक्तित्‍व शानदार रहता है. 


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नौतपा 2024 


हर साल ज्येष्ठ मास की शुरुआत में नौतपा लगता है. आमतौर पर यह समय मई महीने के आखिरी पड़ाव में आता है. इस समय जब सूर्य कृतिका नक्षत्र से निकलकर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो नौतपा शुरू होता है. सूर्य 15 दिन रोहिणी नक्षत्र में रहते हैं और इसके शुरुआती 9 दिन में धरती बहुत तपती है. इसे ही नौतपा कहते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, मई के आखिरी हफ्ते में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी साल में सबसे कम हो जाती है जिससे इस समय में प्रचंड गर्मी पड़ती है.


इस साल नौतपा 25 मई से लेकर 2 जून तक रहेगा. सूर्य देव 25 मई को सुबह 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इसके बाद उसके बाद 2 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. मान्‍यता है कि यदि नौतपा में बहुत गर्मी पड़ती है तो उस साल बारिश भी अच्‍छी होती है और पाला नहीं पड़ता है.  


नौतपा में इन बातों का रखें ध्‍यान 


चूंकि नौतपा के दौरान 9 दिनों में भयंकर गर्मी पड़ती है और तापमान बहुत बढ़ जाता है. इस समय में भयंकर लू भी चलती है. लिहाजा नौतपा के 9 दिनों में दोपहर के समय बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है. साथ ही इस दौरान शरीर को ठंडा रखने के लिए आम के पने, सत्‍तू, बेल का शरबत पीने की सलाह दी जाती है. शरीर को लू से बचाने के लिए ढंककर रखना चाहिए. 


नौतपा में सूर्य देव को करें प्रसन्‍न 


ज्‍योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है. सूर्य सफलता, यश, स्‍वास्‍थ्‍य, पिता के कारक हैं. कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए नौपता के दौरान     कुछ उपाय करना बहुत लाभ दे सकता है. इसके लिए रोजाना सूर्य देव की आराधना करें. सुबह जल्‍दी स्‍नान करके सूर्य देव को अर्घ्‍य दें. आदित्‍य हृदय स्‍त्रोत का पाठ करें. जल, दही, दूध, गुड़, नारियल पानी, फलों का दान करें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)