Puja Ghar: हर घर में पूजा करने का अलग स्थान होता है और हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा व आस्था के अनुसार पूजन भी करता है. पूजा करते समय विलंब न हो और पूजन सामग्री को शीघ्रता से पाया जा सके इसके लिए व्यक्ति  भगवान के श्रृंगार का सामान, भोग के बर्तन, धूप दीप,  प्रसाद जैसी चीजों को पूजा स्थल पर ही रख लेता है. लेकिन जानकारी के अभाव में बहुत से लोग उन चीजों को भी पूजा घर में रख लेते हैं जो शास्त्रों में वर्जित बतायी गयी हैं. वर्जित वस्तुओं को पूजा स्‍थल पर रखने से घर में नेगेटिव एनर्जी का स्तर बढ़ता है. परिवार के सदस्यों के बीच लड़ाई-झगड़े और क्लेश होने लगते है. इन चीजों को रखना तो कोई नहीं चाहता किंतु जानकारी के अभाव में ऐसी चीजें घर के मंदिर में रख दी जाती हैं. इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि पूजा स्थल पर क्या रखें और क्या न रखें .


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पूजा घर में नहीं रखना चाहिए ये चीजें 


एक ही भगवान की एक से अधिक मूर्ति या चित्र पूजा स्थल और घर में नहीं होने चाहिए. घर के मंदिर में पूर्वजों के चित्र भी नहीं रखना चाहिए. साथ ही भैरव, शनिदेव और काली माता की मूर्ति भी घर में रखना ठीक नहीं रहता है. माता लक्ष्मी की बैठी हुई आशीर्वाद मुद्रा की मूर्ति रखना उचित रहता है. इसके अलावा खंडित मूर्ति या चित्र पूजा घर में नहीं होना चाहिए. यदि आपके पास  ऐसी कोई मूर्ति है तो उसे पास के किसी मंदिर या गंगा जी में विसर्जित कर दें. 


कई लोग गणपति की मूर्ति घर के बाहर लगा लेते हैं, जबकि ऐसा कभी ना करें. बहुत से घरों सजावट के लिहाज से मुख्य द्वार के ऊपर मूर्ति लगाई जाती है जो गलत है. गणपति तो विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता हैं, वे आपके घर के चौकीदार नहीं हैं, लिहाजा ये गलती ना करें. पूजन में अक्षत यानी चावल की आवश्यकता रहती है तो साबुत चावल ही रखना चाहिए टूटे हुए चावल ना रखें. आप नियमित रूप से जितने भगवान की सेवा कर सकते हैं, सिर्फ उतनी ही मूर्ति की स्थापना करें.


पूजा घर में रखें ये चीजें 


- पूजन में आरती के लिए दीपदान और सुगंध के लिए धूपदान तो रखा ही जाता है. भारतीय परम्परा मिट्टी से जुड़ी है इसलिए दीप और धूपदान मिट्टी का रखना सबसे उत्तम होता है. मिट्टी के दीपक के अभाव में धातु के दीपक का उपयोग भी किया जा सकता है. 


- पूजा घर में स्वास्तिक अवश्य ही होना चाहिए, यह शुभता का प्रतीक चिन्ह है. स्वास्तिक का चिन्ह गणपति का प्रतीक भी माना जाता है. 


- घर के मंदिर में रखने वाली तीसरी अहम चीज कलश है. कलश को रखने के साथ ही उस पर रोली कुमकुम से स्वास्तिक भी बनाएं ताकि वह मंगल कलश हो जाए. 


- घर में शंख रखना और उससे रोज ध्वनि निकालना भी बहुत ही शुभ होता है. शंख के साथ गरुड़ घंटी भी रखनी चाहिए और आरती के समय बजाना चाहिए. शंख और घंटी की ध्वनि नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता का प्रवेश कराती है. 


- किसी शुद्ध पात्र में गंगाजल अवश्य ही रखना चाहिए. ऐसा करने से घर में सदैव समृद्धि बनी रहती है और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. साथ ही पूजा स्थल पर आसन और आचमन के लिए भी जल जरूर होना चाहिए.