Jaldi Vivah ke Upay: माना जाता है कि मांगलिक दोष से वैवाहिक जीवन में विभिन्न बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं. इन बाधाओं में विवाह में विलंब, वैवाहिक जीवन में तनाव, या कभी-कभी विवाह विच्छेद तक की समस्याएं शामिल हो सकती हैं. हालांकि, ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष के निवारण के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करके इन बाधाओं को दूर किया जा सकता है.


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मंगल दोष के कारण


मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. जब यह ग्रह उपरोक्त भावों में स्थित होता है, तो इसकी उग्रता और आक्रामकता वैवाहिक जीवन में असंतुलन पैदा कर सकती है. इसकी वजह से पति-पत्नी के बीच आपसी समझ में कमी, मनमुटाव और भावनात्मक दूरी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इसके अलावा, कुछ मामलों में यह गंभीर विवादों और वैवाहिक जीवन के विघटन का कारण भी बन सकता है. इसके अतिरिक्त, मंगल दोष के कारण विवाह में विलंब, अनचाहे व्यवधान और संभावित रिश्तों में रुकावटें भी आ सकती हैं, जो व्यक्ति के जीवन में तनाव का कारण बनती हैं.


मंगल दोष के निवारण के उपाय


कुंभ विवाह


यदि किसी कन्या की कुंडली में मंगल दोष है, तो उसे विवाह से पहले कुंभ (घड़ा) से विवाह करने की सलाह दी जाती है. इस प्रक्रिया में, कन्या का विवाह एक मिट्टी या धातु के घड़े से कराया जाता है, जिसे बाद में तोड़ दिया जाता है. यह प्रतीकात्मक विवाह मंगल ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा को कम करता है और इसे शुभ प्रभाव में बदलने का कार्य करता है. यह उपाय पारंपरिक रूप से बहुत प्रभावी माना गया है, खासकर उन लोगों के लिए जो वैवाहिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं.


अर्क विवाह


पुरुषों के लिए, अर्क (धतूरा) वृक्ष से विवाह करने का प्रचलन है. इसमें वर का विवाह धतूरे के पौधे से कराया जाता है, जिससे मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है. यह उपाय व्यक्ति के जीवन में मंगल ग्रह के कारण उत्पन्न बाधाओं को दूर करता है और वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने में मदद करता है. अर्क विवाह मंगल दोष से प्रभावित पुरुषों के लिए अत्यंत कारगर उपाय माना गया है.


हनुमान जी की उपासना


मंगल ग्रह का संबंध हनुमान जी से भी है. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने, हनुमान मंदिर में सेवा करने, और मंगलवार के दिन व्रत रखने से मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है. हनुमान जी की उपासना न केवल मंगल ग्रह की उग्रता को शांत करती है, बल्कि मानसिक शांति, साहस और आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है. यह उपाय उन लोगों के लिए अत्यंत फलदायी है, जो विवाह से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं.


मंगल मंत्र का जाप


"ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" मंत्र का नियमित जाप करने से भी मंगल दोष के निवारण में सहायता मिलती है. इस मंत्र का जाप मंगलवार के दिन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है. यह जाप मंगल ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है. मंत्र जाप को विधिपूर्वक और ध्यानपूर्वक करने से मानसिक शांति और सकारात्मक परिणाम मिलते हैं.


दान और व्रत


मंगलवार के दिन लाल वस्त्र, मसूर की दाल, लाल फूल, और तांबे के बर्तन का दान करना शुभ माना जाता है. इसके अतिरिक्त, मंगलवार को व्रत रखने से भी लाभ होता है. दान और व्रत व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने और मंगल ग्रह को प्रसन्न करने का माध्यम बनते हैं. यह उपाय उन लोगों के लिए विशेष रूप से प्रभावी है, जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह का प्रभाव अत्यधिक नकारात्मक है.


रत्न धारण


ज्योतिष के अनुसार, मूंगा (कोरल) रत्न मंगल ग्रह के प्रभाव को संतुलित करने में सहायक होता है. मूंगा रत्न की उष्ण प्रकृति न केवल मंगल ग्रह की ऊर्जा को नियंत्रित करती है, बल्कि व्यक्ति के आत्मविश्वास और साहस को भी बढ़ाती है. हालांकि, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करना चाहिए, क्योंकि गलत रत्न धारण करने से समस्या और अधिक बढ़ सकती है.


पीपल या नीम का वृक्ष लगाना


मंगल दोष से मुक्ति के लिए पीपल या नीम का वृक्ष लगाना और उसकी नियमित देखभाल करना भी एक प्रभावी उपाय माना जाता है. वृक्ष लगाना न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि यह मंगल ग्रह की उग्रता को शांत करने का भी प्रतीक है. नियमित रूप से इन वृक्षों की पूजा और उनकी देखभाल करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.


सफेद सुरमा का उपयोग


रात में सोते समय सफेद सुरमा का उपयोग करने से भी मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है. यह उपाय पारंपरिक रूप से उन लोगों के लिए अनुशंसित है, जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह के कारण तनाव और वैवाहिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. सफेद सुरमा का उपयोग व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है.


मांसाहार और मद्यपान का त्याग


मंगल दोष से पीड़ित व्यक्तियों को मांसाहार और मद्यपान से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये आदतें मंगल के नकारात्मक प्रभाव को बढ़ा सकती हैं. संयमित और सात्विक आहार ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक होता है. यह उपाय न केवल मंगल दोष को कम करने में मदद करता है, बल्कि व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवनशैली में भी सुधार लाता है.


क्रोध पर नियंत्रण


मंगल ग्रह की उग्रता के कारण व्यक्ति में क्रोध की प्रवृत्ति बढ़ सकती है. अतः, क्रोध पर नियंत्रण रखना और धैर्यपूर्वक कार्य करना आवश्यक है. नियमित ध्यान, योग और सकारात्मक सोच के अभ्यास से व्यक्ति अपने क्रोध पर नियंत्रण पा सकता है. यह उपाय मंगल ग्रह के उग्र प्रभाव को शांत करने के साथ-साथ वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने में भी मदद करता है.


मंगल दोष निवारण पूजा


यदि उपरोक्त उपायों के बावजूद समस्याएं बनी रहती हैं, तो योग्य ज्योतिषी की सलाह से मंगल दोष निवारण पूजा कराई जा सकती है. इस पूजा के माध्यम से जन्म कुंडली में मौजूद मंगल दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है, जिससे वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है. मंगल दोष के कारण वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए उपरोक्त उपायों का पालन किया जा सकता है. हालांकि, प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली और परिस्थितियाँ भिन्न होती हैं, इसलिए किसी भी उपाय को अपनाने से पहले योग्य ज्योतिषी से परामर्श करना उचित रहेगा. सही मार्गदर्शन और उपायों के माध्यम से मंगल दोष के प्रभाव को कम करके सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति संभव है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)