Shakun-Apshakun: भारतीय संस्कृति में शकुन का संकेत वेदों, पुराणों व धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है. महाभारत व रामायण जैसे महाकाव्यों में भी कई जगह शकुन-अपशकुन की बात कही गई है. शकुन प्रकृति से, आकाश से, स्वप्नों से व शरीर के अंगों से संबंधित होते हैं. किसी भी कार्य के वक्त घटित होने वाली प्राकृतिक व अप्राकृतिक घटनाएं अच्छे व बुरे फल बताने में सक्षम होती हैं. ज्योतिष में भी शकुनों पर विशेष विचार किया जाता है, प्रश्न कुंडली की विवेचना में शकुनों का विशेष महत्व है. प्राचीन समय से ही शकुनों का ज्ञान, मौखिक रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर होता आ रहा है. 


ये शकुन हों तो मिलेगा अच्छा ही फल 


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-रामचरित मानस में लिखा है कि भगवान श्रीराम की बारात निकलते समय सुन्दर शुभदायक शकुन हो रहे हैं जिसमें नीलकंठ पक्षी बायीं ओर दाना चुग रहा है. इससे स्पष्ट है कि यह शकुन मानों समस्त मनोकामना को पूर्ण करने वाला होता है. इसलिए नीलकंठ पक्षी का दिखना हमारे कार्यों के पूर्ण होने का संकेत है.  


-वहीं अन्य शकुनों के बारे में बताया गया है कि दाहिनी ओर कौवा का खेत में बैठना, नेवले का दिखना, अनुकूल हवा का चलना आदि यह सब शुभ संकेत हैं. 


-कहीं जाते समय सुहागिन स्त्रियां, भरे हुए घड़े और गोद में बालक लेकर महिलाओं का दिखना कार्य के पूर्ण होने की पूर्व सूचना देते हैं.     


-बछड़ों को दूध पिलाती हुई गाय का दिखना तो बहुत ही शुभ होता है. दो ब्राह्मण हाथ में पुस्तक लिए हुए सामने आते दिखें, तो समझिए आप काम होना तय है, यदि परीक्षा देने जाते समय यह दिखाई दे तो बहुत ही शुभ होता है. 


-यात्रा पर जाते समय कौवा गाय पर बैठे, गोबर पर बैठे या वृक्षों पर बैठे तो यात्री को स्वादयुक्त भोजन प्राप्त होता है. कहीं जाते समय कौवा चोंच में तिनका उठाए दिखे, तो यह शकुन उस व्यक्ति को लाभ ही लाभ कराता है. 


-काम से जाते समय किसी वृक्ष का पत्ता उड़ता हुआ सिर पर आकर गिरे तो यह शकुन व्यक्ति को कार्य में सफलता प्राप्त करने का शुभ संदेश देता है. 


-किसी कार्य के समय कहीं पूजा-पाठ होने का स्वर सुनाई पड़े तो यह समझना चाहिए कि आपका कार्य सिद्ध होगा और सम्मान मिलेगा.


- यदि किसी आदमी के दरवाजे के पास गाय झुंड बनाकर बैठना प्रारंभ कर दें, तो यह शकुन उस घर के निवासियों के लिए प्रगति का सूचक है. 


-कहीं निकलते समय कपड़े पहनते हुए जेब से पैसे नीचे गिर जाते हैं तो यह व्यक्ति को धन लाभ होने का संकेत देते हैं.


-यदि आपको रास्ते में कोई शव यात्रा दिखाई दे, तो सर्वप्रथम शव को प्रणाम करें और दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करें, फिर अपने कार्य पर चले जाएं, तो उस दिन सभी कार्य सफल होते हैं. 


-प्रातः समय कोई व्यक्ति कहीं जा रहा हो और कोई कौवा उड़ता हुआ पांव को स्पर्श कर जाए तो यह शकुन व्‍यक्ति के जीवन को तमाम खुशियों से भर देता है. उसे जीवन में उन्नति मिलती है और शत्रु उसके सामने झुक जाते हैं.


इन संकेतों को माना जाता है अपशकुन 


-घर से निकलते समय कोई कौवा तीव्रता से कांव-कांव करने लगे तो यात्रा विघ्नकारी होती है. कहीं जाते समय काली बिल्ली रास्ता काट जाएं, तो काम सफल होने में विघ्न आता है. बिल्ली जितना नजदीक से रास्ता काटेगी उतनी ही जल्दी विघ्न आएगा.


 -अगर किसी के खिलाफ कोई पुलिस में रिपोर्ट हो और उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही हो, ऐसे में घर से निकलते समय कौवा यदि कंधे से टकरा जाए तो सतर्क हो जाना चाहिए, गिरफ्तारी हो सकती है.


-खाते समय कौवा खाना लेकर उड़ जाए तो उस व्यक्ति को हार स्वीकार कर लेनी चाहिए क्योंकि जो झगड़ा शत्रु के साथ चल रहा है उसमें उसकी पराजय होने वाली है.


-कोई भी व्यक्ति घर से बाहर जा रहा हो तो कभी भी नहीं पूछना चाहिए कि कहां जा रहे हो, यह एक बहुत खराब अपशकुन होता है, ना ही पीछे से उसे बुलाना चाहिए. 


-कौवा अगर सिर पर बैठ जाए, तो बहुत खराब होता है. ऐसी मान्यता है कि जिसके सिर पर कौवा बैठ जाए तो उनके कुप्रभाव को समाप्त करने के लिए किसी को रुलाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में कई जगह जिसके सिर पर कौवा बैठता है वह अपनी मृत्यु की खबर लोगों को भिजवा देता है और घर वाले रोने लगते हैं. ऐसा करने से अपशगुन का असर समाप्‍त हो जाता है. 


तिजोरी भरी रखनी है तो करें ये उपाय 


मार्ग में जाते समय यदि कहीं नेवला दिखाई दे जाए तो जहां से वह जा रहा है, उस स्थान से मिट्टी लेकर उसे अपने कैश बॉक्स में डाल दें, आपकी तिजोरी सदा धन से भरी रहेगी.