नई दिल्ली: 28 सितंबर 2020, सोमवार से शुरू होने वाला पंचक (Panchak) राज पंचक कहलाएगा. यह पंचक शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि पंचक के दौरान कौन से कार्य निषेध और कौन से कार्य शुभ माने गए हैं.


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पंचक का मुहूर्त
सनातन परंपरा में किसी भी कार्य को करने के लिए हमेशा शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है. मुहूर्त (Muhurat) का शाब्दिक अर्थ है, दो घटी अथवा 48 मिनट का समय. सरल भाषा में कहें तो मुहुर्त का अभिप्राय समय के उस विशेष क्षण से है, जो ग्रहों की स्थिति विशेष के प्रभाव के कारण किसी भी कार्य के लिए कुछ संभावनाएं रखता है. 28 सितंबर 2020, सोमवार की सुबह 09:41 से 03 अक्टूबर 2020, शनिवार सुबह 08.50 बजे तक पंचक (Panchak Muhurat) लगने जा रहा है. आइए प्रयागराज के पंडित देवेंद्र तिवारी से जानते हैं कि हमारे जीवन में पंचक के क्या मायने हैं और हमें इस दौरान किन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.


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क्या होता है पंचक?
जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशियों (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती नक्षत्र) में गोचर करता है तो यह पंचक कहलाता है. ज्योतिष के अनुसार, इन पांच नक्षत्रों की युति अशुभ मानी जाती है और इसमें घर-परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने पर परिजनों को मृत्यु तुल्य कष्ट सहना पड़ता है. मान्यता यह भी है कि इस दौरान किया गया कार्य पांच गुना ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए पंचक शांति कराई जाती है. पंचक दोष (Panchak Dosh) को दूर करने के लिए मृतक का दाह संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित के माध्यम से शव के साथ आटे, बेसन या कुश से बने पुतले अर्थी पर रखकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया जाता है. साथ ही मृतक व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए गरुड़ पुराण भी सुनाया जाता है.


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कैसा होगा पंचक का फल
28 सितंबर 2020 से शुरू होने वाला राज पंचक शुभ माना जाता है. इस दौरान यदि आप संपत्ति या सरकारी कार्य करने की योजना बना रहे हैं तो उसमें सफलता की संभावना बढ़ जाएगी.


पंचक में भूलकर भी न करें ये काम
शास्त्रों के अनुसार, पंचक के दौरान कुछ ​चीजों को निषेध बताया गया है. इस दौरान लकड़ी का सामान खरीदने या बनवाने, चारपाई बुनने, घर की छत ढलवाने, दक्षिण दिशा की यात्रा करने, घर में पेंट करवाने आदि की मनाही होती है.


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