कुंडली में नहीं बन रहे विवाह के योग? Basant Panchami पर बादाम की माला के ये उपाय करती ही बजेगी शहनाई!
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Badam Panchami Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आपकी कुंडली में विवाह के योग नहीं बन रहे हैं, तो बसंत पंचमी के दिन 108 मनकों वाली बादाम की माला बनाकर मां सरस्वती की प्रतिमा (जिसमें मां सरस्वती बैठी हों, लेकिन पांव जमीन पर हो) पर सच्चे मन से अर्पित कर दें.
Badam Ke Upay: बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का विधान है. बता दें कि माघ माह के शुक्ल पक्ष क पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के नाम से मनाया जाता है. इस बार बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी के दिन पड़ रहा है. हिंदू शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व है. इस दिन 16 में से 14 संस्कार पूर्ण कराए जाते हैं. इन संस्कारों में के लिए इस दिन शुभ मुहूर्त होता है.
बसंत पंचमी को लेकर मान्यता है कि इस दिन कुछ उपाय करने से व्यक्ति के विवाह के झट योग बन जाते हैं. अगर किसी जातक के विवाह में कोई परेशानी आ रही है तो मां सरस्वती का मात्र एक उपाय शादी का संयोग बना सकता है. कुंडली में विवाह के शुभ योगों के लिए बसंत पंचमी के दिन बादाम के उपाय किए जा सकते हैं. साथ ही, इस के लिए मां सरस्वती की ऐसी प्रतिमा देंखें, जिसमें वे किसी ऊंचे स्थान पर बैठी हो. लेकिन प्रतिमा के पांव जमीन को न छू रहे हों.
अर्पित करें 108 मनकों वाली बादाम की माला
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की प्रतिमा को 108 मनकों वाली बादाम की माला बनाकर अर्पित करने से विशेष लाभ होता है. साथ ही, माला अर्पित कर मां से प्रार्थना करें विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करें. ऐसा कहा जाता है कि इस उपाय को करते ही जातक की चट मंगन पट विवाह के योग बनने लगते है.
शादी में आ रही रुकावटें भी होंगी दूर
बादाम की माला का ये उपाय विवाह संस्कार के लिए बताया जाता है. कई बार कुछ जातकों को विवाह में कई तरह की रुकावटों का सामना करना पड़ता है. जैसे कुंडली का न मिलना, नाड़ी दोष, वर्ण विकास, घर मैत्री, पितृ दोष आजि के कारण व्यक्ति का समय पर विवाह नहीं हो पाता. ऐसे में इन सभी चीजों के छुटकारा पाने के लिए मां सरस्वत को बादाम क माला विशेष रूप से निवेदन करते हुए अर्पित करें.
यहां स्थित है मां सरस्वती की ऐसी प्रतिमा
बताया जाता है कि मां सरस्वती की ऐसी प्रतिमा जो किसी ऊंचे आसन पर विराजमान हो, और पांव जमीन पर न हो, ये प्रतिमा सागर स्थित सरस्वती मंदिर में है. यहां माला अर्पित करने के लिए समय और मूर्ति का खास ध्यान रखा जाता है. सूर्य अस्त होने से पहले इस माला को अर्पित किया जाता है. इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखे कि गलती से भी बादाम की माला खड़ी प्रतिमा, माता के छाया चित्र आदि पर न चढ़ाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)