Basant Panchami पर इस विधि से करें ज्ञान-विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा, इस मंत्र के जाप से बरसेगी असीम कृपा
Basant Panchami Mantra: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विद्या और वाणी की देवी मां सरस्वती को बसंत पंचमी का दिन समर्पित है. इस दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करना लाभदायी रहता है. जानें इस दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए किस विधि से करें पूजा.
Basant Panchami Puja: हिंदू शास्त्रों के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था और तब से ही इस दिन को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस साल बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी बुधवार के दिन पड़ रहा है. बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होती है. इन दिनों में मौसम सुहाना होता है और शीत ऋतु का समापन होता है.
ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन पूरे श्रद्धाभाव से मां सरस्वती का पूजन किया जाए तो विद्या और वाणी की देवी मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. बसंत पंचमी की पूजा में बच्चों को बैठाया जाता है, जिससे वे गुणी बनें और उनमें प्रतिभा आए. जानें बसंत पंचमी के दिन किस विधि से पूजा करने से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है.
बसंत पंचमी के दिन इस विधि से करें पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते समय पीले रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं, पूजा में पीले फूल शामिल करें. इसके साथ ही, मां सरस्वती को पीले रंग की चीजों का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद सभी में पीला प्रसाद बांट दें.
मां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी की सुबह 7 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. बता दें कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के आसन पर विराजित करें. इसके बाद उन्हें रोली, हल्दी, चंदन, केसर लगाएं और पीले-सफेद रंग के फूल अर्पित करें. पीली मिठाई और अक्षत अर्पित करें.पूजा में किसी वाद्य यंत्र को रखना भी शुभ माना जाता है. साथ ही, पूजा स्थल पर किताबें रखें और मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें.
सरस्वती मंत्र
सरस्वती पूजा में सरस्वती मंत्रों का जाप करना शुभ होता है. 'ओम् ऐं सरस्वत्यै नम:' का जाप करना अत्यधिक शुभ माना जाता है.
सरस्वती पूजा में इस श्लोक से मां सरस्वती का ध्यान भी किया जा सकता है.
या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।
या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)