Bhishma Pledge: भीष्म पितामह ने शिशुपाल के जन्म की कहानी सुनाते हुए भीमसेन से कहा कि अपनी बुआ के कहने पर ही श्रीकृष्ण ने उन्हें आश्वस्त किया था कि बुआ आप इसके अपराध क्षमा करने को कह रही हैं तो आपको वचन देता हूं इसके एक नहीं सौ अपराध भी मैं क्षमा कर दूंगा, किंतु इस सीमा को पार करते ही इसका वध करूंगा. भीष्म ने कहा कि इसी कारण कुल कलंक शिशुपाल ने आज भरी सभा में मेरा तिरस्कार किया है. भला किसी अन्य राजा की ऐसी हिम्मत, कहां जो मुझे इस तरह के शब्द बोकर अपमानित करे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भीष्म बोले, अब शिशुपाल काल के गाल में है


भीष्म ने शिशुपाल को भला-बुरा कहते हुए कहा कि अब यह काल के गाल में है, क्योंकि इसके अपराध अब निर्धारित सीमा के पास पहुंचने ही वाले हैं. यही कारण है कि इस समय यह मूर्ख हम लोगों को कुछ भी न समझते हुए शेर की तरह दहाड़ रहा है, किंतु इसे नहीं मालूम है कि कुछ ही क्षणों में भगवान श्रीकृष्ण इसका तेज छीन कर वध कर देंगे. भीष्म की बात सुनकर शिशुपाल कैसे चुप रहने वाला था, वह क्रोध में जल उठा और बोला, भीष्म, तुम तो भाट की तरह बार-बार जिस कृष्ण का गुणगान कर रहे हो, वह क्यों नहीं मुझ पर अपना प्रभाव दिखा रहा है. यदि तुम्हारी आदत ही तारीफ करने की हो गई है तो क्यों नहीं तुम किसी और की प्रशंसा करते हो. उसने बाल्हीक, अंग नरेश कर्ण, महारथी द्रोण, महावीर अश्वत्थामा की स्तुति करो जो वास्तव में श्रेष्ठ हैं. उसने यहां तक कहा कि तुम भोजपति कंस के चरवाहे को सबकुछ मानकर बातें सुना रहे हो.


शिशुपाल से बोले भीष्म, श्रीकृष्ण को ललकारने वाला मारा जाएगा


शिशुपाल की बातें सुन भीष्म बोले, तू  कहता है कि मैं राजाओं की दया पर जीवित हूं, किंतु मैं किसी भी राजा को घास के तिनके से अधिक कुछ भी नहीं समझता हूं. हमने जिन श्रीकृष्ण की पूजा की है, वह तो सबके सामने ही बैठे हैं. जो मरने के लिए उतावले हो रहे हैं तो चक्र गदाधारी श्रीकृष्ण को युद्ध के लिए ललकारते क्यों नहीं हैं. मैं तो दावे के साथ कहता हूं कि जो भी उन्हें ललकारने का दुस्साहस करेगा, वह रणभूमि में धराशायी होगा.


अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें


ये खबर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर