Chaitra Navratri 2024: यदि आप क्षमता, साहस और शक्ति की कमी महसूस करते हैं, इसके  साथ ही  आपको ऐसा  लगता होता है कि आप में वह बल नहीं है जिससे आप शत्रु को पराजित कर सकें तो इस चैत्र नवरात्रि से लेकर पूरा एक वर्ष तक शक्ति स्वरूपा मां की आराधना करें. यदि आप लगातार ऐसा करते हैं तो आप निश्चित रूप से शत्रु को पराजित करने के साथ ही साहस और पराक्रम में भी वृद्धि महसूस करेंगे. चैत्र नवरात्र का प्रारंभ 9 अप्रैल को प्रतिपदा के साथ होगा. चैत्र नवरात्र का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि विक्रमी संवत का प्रारंभ भी इस दिन से होता है. 


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अस्त्र और शस्त्र मनुष्य को देते हैं संदेश


देवी मां की पूजा के साथ यदि आप उनके अस्त्र और शस्त्र (त्रिशूल, तलवार, चक्र, धनुष-बाण) का भी ध्यान करेंगे तो पाएंगे की वह शक्ति और साहस के प्रतीक हैं. अस्त्र शस्त्र मनुष्य को संदेश दे रहे हैं कि मुश्किलों का मुकाबला शक्ति और बुद्धि का प्रयोग करते हुए करना चाहिए. यह शस्त्र सुरक्षा का प्रतीक हैं, इसलिए मां को शक्ति स्वरूपा कहा जाता है और जीवन में संकटों को मुकाबला करने के लिए उनकी आराधना की जाती है. उनके एक हाथ का त्रिशूल उनके त्रिदेवी स्वरूप और शक्ति का प्रतीक है. 


 


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यह भक्तों को आत्मरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है. मां दुर्गा के हाथों का खड्ग बुराइयों के नाश करने के रूप में देखा जाता है और संदेश देता है कि हमें इस नवरात्र अपने भीतर बुराई के असुर का वध करना चाहिए. जिस तरह से उन्होंने बुराई के प्रतीक असुरों का संहार करने के लिए खड्ग उठाया था. इसी तरह उनके हाथ का सुदर्शन चक्र भक्तों के रक्षक के रूप में माना जाता है और जो समस्त शत्रुओं का संहार करने की क्षमता रखता है. 



देवी की सवारी विजय का है द्योतक


शेर की सवारी भी साहस का संचार करने के लिए है. शेर की एक विशेषता है कि शरीर से भारी होने के बाद भी उसमें गजब की फुर्ती होती है और शिकार करने के लिए वह लंबी छलांग लगा लेता है. मां के शक्ति स्वरूप की आराधना करने से व्यक्ति में समस्याओं से लड़ने और विजय पाने का साहस पैदा होता है. 



सिद्धपीठ की आराधना से बनते हैं कई काम


हिंदू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है, देश ही नहीं विदेशों में भी रहने वाले भक्त नवरात्र में देवी के 51 शक्तिपीठों में से किसी एक में दर्शन कर मां का आशीर्वाद पा सकते हैं. जो लोग किन्हीं कारणों से सिद्धपीठों पर नहीं जा पाते हैं, वह  नवरात्र में किसी न किसी देवी मंदिर में जा कर मां की आराधना अवश्य करें.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)