Chadra Grahan Mantra Jaap: आज कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि है. 8 नवंबर को पूर्णिमा तिथि के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू हो चुका है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी प्रकार के धार्मिक काम, पूजा पाठ और अनुष्ठान आदि की मनाही होती है. सूतक काल में मंदिर के द्वार भी बंद कर दिए जाते हैं. बता दें कि इस दौरान किसी भी प्रकार से भगवान की पूजा-पाठ और मूर्ति आदि को स्पर्श करने की मनाही होता है. 


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शास्त्रों में ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है. इस दौरान खाना-पीना मना होता है. खाना बनाने आदि की भी मनाही होती है. कहते हैं कि ग्रहण काल में सिर्फ एक स्थान पर बैठकर भगवान का स्मरण करना चाहिए. इसके साथ ही ये बी मान्यता है कि ग्रहण शुरू होने से पहले पानी के बर्तनों और खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए. इससे ग्रहण का प्रभाव खाने की चीजों पर नहीं पड़ता. इस दौरान कुछ मंत्रों के जाप का विशेष महत्व बताया गया है. 


चंद्र ग्रहण के दौरान करें ये मंत्र जाप


चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रदेव के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है. कहते हैं कि इसके मंत्र जाप से व्यक्ति के आसपास नकारात्मकता नहीं रहती. साथ ही, इस समय अपने कुल और ईष्ट देव का ध्यान रखना चाहिए. इस समय विश्वेदेवों का ध्यान किया जाता है. विश्वेदेवों में 10 देवता सम्मलित हैं इनमें इंद्र, अग्नि,  सोम, त्वष्ट्रा,रुद्र, पूखन्, विष्णु, अश्विनी, मित्रावरूण और अंगीरस शामिल हैं. मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान इन सबका मंत्र जाप के साथ ध्यान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी. 


ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप


1. ऊँ इन्द्राय नमः
2. ऊँ अग्नये नमः
3. ऊँ सोमाय नमः
4. ऊँ त्वष्ट्राय नमः
5. ऊँ रुद्राय नमः
6 . ऊँ पूखनाय नमः
7. ऊँ विष्णुवे नमः
8. ऊँ अश्विनीये नमः
9. ऊँ मित्रावरूणाय नमः
10. ऊँ अंगीरसाय नमः


चंद्रदेव मंत्र 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र देव के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति का चंद्र मजबूत होता है. बता दें कि मंत्र जाप करते समय ग्रहण के सूतक के दौरान थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा, हो सके तो सफदे रंग का कपड़ा निकालकर अलग रख लें. ग्रहण के समाप्त होने पर ये सामान किसी जरूरत मंद व्यक्ति को दान में दे दें. इससे चंद्रदेव के शुभ फलों की प्राप्ति होगी. 


- ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:


- ‘ऊँ ऐं ह्रीं सोमाय नमः  


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)