lunar eclipse today: आज रात्रि यानी 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन जब चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं में होता है, तब ग्रहण लगेगा जिसके चलते न तो उसकी अमृत बरसाने वाली रश्मियां निकलेंगी न ही वह चांदनी होगी जिसे देखते ही लोगों का मन प्रसन्न हो जाता है. चंद्रमा पर ग्रहण का सीधा अर्थ है कि हमारे देव संकट में हैं और उनके संकट के समय वह कैसे पृथ्वी वासियों के लिए अमृत वर्षा कर सकते हैं. इस बार का ग्रहण भारत में भी दिखेगा इसलिए यहां के लोगों के लिए और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है.   


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मान्यता है कि ग्रहण के समय नेगेटिव रेंज निकलती हैं और वह काफी बलशाली होती हैं, इसलिए कहा जाता है कि ग्रहण को नहीं देखना चाहिए. इस बार का ग्रहण मेष राशि और आश्विन नक्षत्र में पड़ रहा है, इसलिए जिन लोगों की जन्म राशि मेष और नक्षत्र आश्विन है, उन्हें भी ग्रहण नहीं देखना है.


ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहता है, इन्हें तो बहुत ही सावधान रहना चाहिए, इनकी ग्रहण देखने की जरा सी उत्सुकता या चूक गर्भस्थ शिशु के लिए संकट का कारण हो सकती है. ग्रहण के समय चंद्रमा से निकलने वाली नकारात्मक किरणें गर्भवती महिलाएं और गर्भस्थ शिशु पर अशुभ प्रभाव डाल सकती हैं. 


ग्रहण के दौरान उन्हें ऐसे स्थान पर बैठना चाहिए जहां पर चंद्रमा की रोशनी न पहुंचती हो. ग्रहण के दौरान न तो मंदिर जाना चाहिए और न ही घर में भगवान के विग्रह के सामने बैठना चाहिए, भगवान की मूर्ति को तो भूल कर भी नहीं छूना है. एकांत कमरे में सिर से चादर ओढ़ कर नाम जप करना चाहिए. ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर को गंगाजल डाल कर पवित्र करना चाहिए और स्वयं भी नहाने के बाद ही कुछ अन्य कार्य करना चाहिए.


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