Shankh Puja Niyam: शंखों पूजा पाठ का अनिवार्य अंग तो होते ही हैं, उनमें चमत्कारी औषधीय गुण भी होते हैं. जिस घर परिवार में शंख रहता है और नित्य प्रति उसका नाद किया जाता है तो उस घर में सुख शांति और समृद्धि का स्वतः ही प्रवेश होता है. जिस घर में रोज शंखनाद किया जाता है, वहां की नेगेटिविटी बाहर निकल जाती है और पॉजिटिव एनर्जी का प्रवेश होता है जिससे घर में रहने वाले सभी लोग ऊर्जावान और स्वस्थ बने रहते हैं. 


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अन्नपूर्णा शंख -


सभी शंखों में अन्नपूर्णा शंख सबसे भारी किंतु दुर्लभ होता है. इसका वजन औसतन तीन से नौ किलोग्राम तक होता है इसलिए इसे सभी लोग उठाकर नहीं बजा पाते हैं. लंबे अभ्यास के बाद ही इसको बजाना संभव हो पाता है. लेकिन इसकी आकृति इतनी मनमोहक होती है कि आप एक बार देख लें तो आंखों से उसकी छवि कभी ओझल नहीं होती है. नाम के अनुरूप ही इसके कार्य भी दिव्य और चमत्कारी होते हैं. जिस घर में अन्नपूर्णा शंख स्थापित होता है उस घर में धन धान्य की कभी कमी नहीं रहती है. 


देवी शंख- 


यह शंख भी अपने नाम के अनुसार दैवीय गुणों से युक्त होता है. इसमें कैल्शियम की मात्रा सौ प्रतिशत होती है. इस शंख में रात को जल भर कर रख देना चाहिए. प्रातः काल उठने के बाद इसे हृदय रोगी और गठिया के रोगी तांबे के पात्र से सेवन करें तो निश्चित रूप से लाभ होगा. इसके लिए घर में तांबे का गिलास और लोटा रखें तथा रात में शंख में रखे जल तांबे के गिलास या लोटे में निकाल कर सेवन करें. इसका नाद करने से भी हार्ट पेशेंट को लाभ मिलता है.


मणिपुष्पक शंख -


इस शंख में फास्फोरस की मात्रा सबसे अधिक होती है. रात के समय इसमें गंगाजल भर कर रख दें सुबह उठकर किसी तांबे के पात्र में निकालने के बाद उसी जल से आचमन करें तो शरीर डायबिटीज और हार्ट के रोगियों को लाभ मिलता है. इस जल के प्रभाव से रोगी स्वस्थ रहता है. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)