नई दिल्ली : भारत प्राचीन सभ्यताओं को सहेजने वाला देश है, जिसकी पहचान है कला संस्कृति और इसे अपने आप में समेटे हुए हैं भारत के मंदिर. Zee आध्यात्म (Zee Spirituality)  में आज हम आपको झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) के एक ऐसे मंदिर की महिमा के बारे में बताते हैं, जहां कैप्टन कूल यानी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी सिर झुकाते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ऐतिहासिक है माता का मंदिर
मंदिर के निर्माण के बारे में कहा जाता है कि ये 10वीं से 12वीं शताब्दी के बीच का है. मंदिर बनते किसी ने नहीं देखा, पुजारी बताते हैं कि एक भक्त को मंदिर की उपस्थिति के बारे में स्वप्न आया था. जब ढूंढा तो जंगल की झाड़ियों के बीच देवड़ी माता का मंदिर मिला.


हालांकि मंदिर के निर्माण के बारे में एक कथा ये भी है कि सिंहभूम के मुंडा राजा केरा ने इसकी स्थापना युद्ध में परास्त होकर लौटते समय की थी. कहते हैं कि देवी ने सपने में आकर राजा को मंदिर स्थापना करने का आदेश दिया था, जिसके बाद राजा केरा को उनका राज्य दोबारा प्राप्त हो गया था.


मंदिर की विराट स्थापत्य कला
इस मंदिर के दरवाजे भी पत्थर के बने हुए हैं, मंदिर में करीब तीन से साढ़े तीन फीट ऊंची देवड़ी वाली मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित है. आपने मंदिरों में 8 या 10 भुजाओं वाली दुर्गा माता देखी होंगी लेकिन इस मंदिर में विराजित हैं 16 भुजाओं वाली मां दुर्गा. ये माता सिंहवाहिनी मां दुर्गा का ही स्वरूप हैं.


धोनी की आस्था और विश्वास
मंदिर में खेल जगत के सितारों से लेकर राजनेता और विदेशी श्रद्धालु भी भक्ति भाव से भेंट लेकर आते हैं. जो भी भक्त मां के चरणों में शीश झुकाता है, उसकी मनोकामना अधूरी नहीं रहती. महेंद्र सिंह धोनी अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत से ही माता के दर्शन के लिए आते रहे हैं. मंदिर में उनकी अटूट आस्था है. धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने जाने से पहले यहां दर्शन करने जरूर आते थे.


जिन श्रद्धालुओं की मन्नत यहां पूरी होती है, वे अपनी श्रद्धा के हिसाब से चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. मां के दरबार में बार-बार लौटकर आते हैं.


LIVE TV