Lakshmi Pujan Aarti: हिंदू धर्म में हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीपों का पर्व दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की विधान है. पजून में मां लक्ष्मी की प्रिय चीजों को भी शामिल किया जाता है. श्री यंत्र की विधिपूर्वक स्थापना की जाती है और उनकी पूजा की जाती है. पूजा के बाद देवी-देवताओं की आरती के बाद ही पूजन संपन्न होता है. 


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कहा जाता है कि कोई भी पूजा तभी पूर्ण मानी जाती है, जब पूजा के बाद आरती और मंत्र जाप किया जाता है. ऐसे ही आज दिवाली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा के बाद लक्ष्मी मां की आरती  और गणेश जी के ये आरती अवश्य करें. इससे प्रसन्न होकर मां आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी. बता दें कि देशभर में दिवाली का त्योहार आज 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. दिवाली की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. 


मां लक्ष्मी की आरती


ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ 


दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ 


तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥


जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता…॥


तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥


शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता…॥


महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥


गणेश जी की आरती


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी॥


जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा॥


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)