Diya in Worship: देवी-देवताओं के सामने तिल के तेल का दीपक जलाएं या घी का? जानें विधि
देवी-देवताओं की पूजा में दीपक जलाने का खास महत्व है. शास्त्रों के मुताबिक जो लोग विधि-विधान से पूजा नहीं कर पाते, वे भगवान के सामने सिर्फ दीपक जलाकर भी पूजा कर सकते हैं. शास्त्रों में दीपक जलाने के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं.
Diya in Worship: अक्सर घर या मंदिर में देवी-देवताओं के निमित्त दीपक जलाया जाता है. इसके अलावा घर में शाम का सुबह के वक्त तुलसी के नीचे भी दीपक जलाया जाता है. धर्म शास्त्र के जानकारों का कहना है कि जो लोग विधि-विधान से पूजा नहीं कर पाते वे देवी-देवताओं के सामने सिर्फ दीपक जलाकर भी पूजा कर सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवी-देवताओं के सामने तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए या घी का? साथ ही उसमें बत्ती कैसी होनी चाहिए. आइए जानते हैं इस बारे में.
पूजा में दीपक जलाने के क्या हैं नियम?
-धर्म शास्त्रों के मुताबिक घर या मंदिर में अपनी क्षमता अनुसार घी या तिल के तेल का दीया जला सकते हैं. हालांकि घी का दीपक अपनी बाईं तरफ यानी देवी-देवताओं के दाहिने हाथ की ओर जलाना चाहिए. इसके अलावा तिल के तेल का दीपक अपनी दाईं ओर यानी देवी-देवताओं की बाईं हाथ की तरफ जलाना चाहिए.
-धार्मिक मान्यता है कि घी के दीपक में सफेद रुई की बत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं तिल के तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बत्ती सबसे अच्छी मानी जाती है. इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि पूजा के बीच में दीपक ना बुझे. कहा जाता है कि ऐसा होने पर पूजा निष्फल हो जाती है.
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-शास्त्रों के मुताबिक देवी-देवताओं की प्रतिमा या तस्वीर के ठीक सामने दीपक नहीं जलाना चाहिए. इसके अलावा कभी भी प्रतिमा के पीछे या इधर-उधर दीपक नहीं जलाना चाहिए. पूजा में खंडित यानी टूटा हुआ दीपक जलाना भी निषेध बताया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूजा में खंडित सामग्री शुभ नहीं मानी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)