Rules Related to Gangajal: सनातन धर्म में गंगा नदी को आज भी जीवित देवी का दर्जा दिया जाता है, जो करोड़ों लोगों को अपने मीठे पानी से जीवन और सदगति प्रदान कर रही हैं. लोग हर साल तीर्थ पर जाते हुए गंगाजल लाना कभी नहीं भूलते. गंगाजल को इतना पवित्र माना जाता है कि उसकी मौजूदगी से ही घर में सकारात्मक ऊर्जा महकने लगती है. हरेक मांगलिक कार्य और संस्कारों में भी गंगाजल का इस्तेमाल अनिवार्य होता है. लेकिन क्या आप आप जानते हैं कि गंगाजल को घर की किस जगह रखना सर्वोत्तम फल देता है. आज हम गंगाजल से जुड़े ऐसे ही कई नियमों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. 


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घर में गंगाजल रखने के नियम (Ganga Jal Puja Rules)


कांच की बोतल में रखना सर्वोत्तम


वास्तु शास्त्र के मुताबिक गंगाजल (Ganga Jal Vastu Tips) को कांच की बोतल में रखना सर्वोत्तम माना जाता है. अगर आप इसे प्लास्टिक की बोतल में रखते हैं तो देख लें कि वह रिसाइकल प्लास्टिक से न बनी हो. गंगाजल को लोटे में रखना चाहते हैं तो पीतल, तांबे या चांदी के लोटे में रखें. 


पूजाघर के रखें समीप


वास्तुविद कहते हैं कि गंगाजल (Ganga Jal Puja Rules) को घर में बने मंदिर या उसके समीप ही रखना चाहिए. उसे छूने से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए. उसके बाद ही उसे साफ हाथों से छूना चाहिए. गंदे हाथों से छूने पर गंगाजल अपवित्र हो जाता है और उसका पुण्यफल जाता रहता है. 


आसपास रखें सफाई का ध्यान


आप जिस जगह पर गंगाजल (Ganga Jal Puja Rules) को रखें, वह साफ-सुथरी होनी चाहिए और वहां आसपास कूड़ा-करकट नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही गंगाजल के आसपास मांस-मदिरा भी नहीं रखी होनी चाहिए.


प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था


जिस जगह पर गंगाजल (Ganga Jal Vastu Tips) रखा हो, वहां पर मांसाहारी भोजन नहीं बनना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का राज हो जाता है और गंगाजल का प्रभाव खत्म हो जाता है. इस जल को भूलकर भी अंधेरी जगह नहीं रखना चाहिए. घर में जहां पर प्राकृतिक प्रकाश आता हो, वहीं पर गंगाजल की केन रखनी चाहिए. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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