Ganga Jal : शिव जी का प्रिय सावन महीना शुरू हो चुका है. यह पवित्र महीना 19 अगस्‍त तक चलेगा. सावन महीने में प्रमुख तौर पर भगवान शिव की पूजा की जाती है. शिव जी का अभिषेक किया जाता है. साथ ही सावन में कांवड़ यात्रा निकलती है, जिसमें शिव भक्‍त केसरिया रंग के कपड़े पहनकर कई किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं और गंगा समेत विभिन्‍न पवित्र नदियों का जल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सावन महीने में शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करने का बड़ा महत्‍व है. साथ ही खुद भी गंगा नदी में स्‍नान करने या घर पर ही गंगाजल मिश्रित पानी से स्‍नान करना चाहिए. इसके चलते अधिकांश घरों में गंगाजल रखा जाता है और पूजा में उपयोग किया जाएगा.


गंगाजल को लेकर इन बातों का रखें ध्‍यान 


- शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करते समय ध्‍यान रखें कि कभी भी प्‍लास्टिक की बोतल से गंगाजल अर्पित ना करें. शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करने के लिए तांबे, चांदी या कांसे के लोटे का ही उपयोग करें. 


यह भी पढ़ें : रोज सुबह मेन गेट पर कर दें ये टोटका, लक्ष्‍मी जी आपके घर से कभी नहीं जाएंगी



- गंगाजल जहां भी रखें यह सुनिश्चित कर लें कि वह स्‍थान साफ-सुथरा और शुद्ध हो. कभी भी गंदी जगह पर गंगाजल ना रखें. ना ही गंगाजल के आसपास कोई अशुद्ध वस्‍तु रखें. 


- गंगाजल को गंदे हाथों से स्पर्श ना करें. हमेशा साफ हाथों से गंगाजल के पात्र को छुएं. 


- यदि घर में गंगाजल रखा है तो घर में मांस मदिरा का सेवन न करें. ना ही घर में ऐसी अशुद्ध चीजें लेकर आएं.  


- गंगाजल रखने का स्‍थान अंधेरा ना हो. बेहतर होगा कि गंगाजल को पूजा घर में रखें और रात में भी वहां हल्‍की रोशनी की व्‍यवस्‍था रखें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)