Mahabharata Story: अपने ही बच्चों को मौत की नींद सुला देती थी ये देवी, अब धोती है लोगों का पाप
Mahabharata Story: पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक अपने ही बच्चों को मौत की नींद सुला देती थी. लेकिन अब कलियुग में पृथ्वीलोक पर लोगों का पाप धोती है. हम आपको बता रहे हैं ऐसी ही एक कहानी. यहां पढ़ें.
Ganga Snan 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का काफी महत्व होता है. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्यों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक ऐसा करने से मां गंगा अपने भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं. गंगा स्नान को कार्तिक स्नान भी कहते हैं. इस बार कार्तिक स्नान 15 नवंबर को होगा.
गंगा स्नान की परंपरा
महाभारत काल से ही गंगा स्नान की परंपरा चलती आ रही है. मान्यताओं के मुताबिक देवव्रत जो कि अपने कठोर प्रतिज्ञा के कारण भीष्म कहलाए वो खुद भी रोजाना गंगा स्नान करते थे. वहीं जब भी देवव्रत को कोई उलझन होती थी तो वह मां गंगा से सलाह-मश्विरा करते थे. महाभारत काल की मान्यताओं के मुताबिक गंगा अपने बच्चों को मौत की नींद सुला देती थी.
सात पुत्रों को सुला चुकी थी मौत की नींद
गंगा अपने सात्र पुत्रों को जन्म के बाद मौत की नींद सुला चुकी थी. वह ऐसा इसलिए करती थी कि मां गंगा अपने श्राप से मुक्ति चाहती थी. यह श्राप उसे ऋषि वशिष्ठ की ओर से मिला था. ऋषि वशिष्ठ ने गंगा को श्राप देते हुए कहा था कि तुम्हारे जितने भी पुत्र जन्म लेंगे सभी दुख भोगेंगे.
देवव्रत बने भीष्म पितामह
मां गंगा चाहती थी कि उनके बच्चे पृथ्वी लोक में रहकर दुख न भोगे इसलिए वह सात पुत्रो कों तो बहा दी. लेकिन, आठवें और अंतिम पुत्र देवव्रत को नहीं बहा पाई. यही देवव्रत आगे चलकर अपनी भीष्म प्रतिज्ञा के कारण भीष्म पितामह बनें. आगे चलकर गांगा भागिरथ के प्रसाय से धरती पर आई और मनुष्यों का पाप धोने वाली नदी बन गई.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)