Lord Vishnu Path Benefits: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का दिन होता है. इस दिन किए कुछ काम भगवान विष्णु की कृपा दिलाते हैं. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से की कई भगवान विष्णु की आराधना भक्तों के सभी पापों से मुक्ति दिलाते हैं. चैत्र माह की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में गुरुवार के दिन पूजा, पाठ, जप-तप और साधना का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में भगवान विष्ण के सहस्त्रनाम का पाठ करना उत्तम बताया गया है. सही विधि और नियम से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से श्री हरि भक्तों के सभी संकट हर लेते हैं.


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विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के फायदे


- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गुरुवार के दिन या किसी विशेष तिथि पर विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र किया जाए, तो घर में सुख-समृद्धि और धन में वृद्धि होती है. भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.


- कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन ये पाठ करने से दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है.


- विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु के 1000 नामों का वर्णन किया गया है. इस पाठ को करने से व्यक्ति की भौतिक इच्छाओं की पूर्ति होती है और बिगडे़ का बनते हैं.


- ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सुना जाए, तो भय से मुक्ति मिलती है. साथ ही, व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त होती है.


- मान्यता है कि इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. मन एकाग्र रहता है और तनाव से राहत मिलती है.


- इसके साथ ही नियमित रूप से इसका जाप करने से घर में सौभाग्य और खुशियों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है.


विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ की विधि


- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए विधिपूर्वक ये पाठ करना उत्तम रहता है. सूर्योदय के समय पाठ करना सर्वोत्तम माना गया है. गुरुवार के दिन इसे करने के लिए कुछ निश्चित समय नहीं है. बल्कि इसे कभी भी किया जा सकता है. इसे करते समय तन और मन की पवित्रता का खास ख्याल रखें.


- गुरुवार के दिन  स्नानादि के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आह्वान करें. विधिवत पूजा करें और फिर इसके बाद ही पाठ की शुरुआत करें.


- किसी खास इच्छापूर्ति के लिए स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें. पूजा स्थान पर जल से भरा कलश स्थापित करें. कहते हैं कि बिना कलश के पाठ अधूरा माना जाता है.


- कलश पर आम के पत्ते, नारियल रखकर पाठ की शुरुआत करें. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ पूरा होने पर उन्हें पीले चीज का भोग लगाएं.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)