Rules of Hanuman Chalisa: भगवान हनुमान को कलयुग का देवता कहा जाता है. बजरंगबली को लेकर मान्यता है कि उन्हें अमर होने का वरदान प्राप्त है. कहते हैं कि कलयुग में भी भगवान हनुमान जिंदा है. हनुमान जी आसानी से प्रसन्न होने वाले देवता हैं. उनकी पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और उस पर आ रहे संकट दूर हो जाते हैं. भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं.


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हनुमान चालीसा पढ़ने से न सिर्फ डर पर विजय प्राप्त होती है बल्कि पितृ दोष, मंगल दोष, राहु केतु दोष आदि से भी छुटकारा पाया जा सकता है. हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. कहते हैं ऐसा न करने वाले व्यक्ति से हनुमान जी नाराज हो जाते हैं और उसे जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.


इन बातों का रखें ध्यान


हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान आदि करके साफ कपड़े धारण करें. इसके बाद हनुमान जी को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए. 


जिस आसन पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करना है वह आसन लाल रंग का ही होना चाहिए.


पाठ शनिवार या मंगलवार को शुरु करें और लगातार 40 दिनों तक करते रहे. इसके अलावा  हर शनिवार और मंगलवार को मंदिर जरूर जाएं.


हनुमान चालीसा का पाठ करते समय तामसिक भोजन या मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए.


हनुमान चालीसा के पाठ करने से पहले हनुमान जी की मूर्ति पर चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करना चाहिए.


कहा जाता है कि अगर हनुमान जी को प्रसन्न करना है तो सबसे पहले भगवान राम का नाम लेना चहिए. इसके बाद हनुमान जी का स्मरण करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ शुरु करना चाहिए.


कहते हैं कि जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसे ईमानदारी से अपना जीवन जीना चाहिए. ऐसे व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए.


हनुमान जी के भोग में तुलसी का पत्ता जरूर शामिल करना चाहिए.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)