Hartalika Teej 2023: भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना द्वारा सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. भारतीय संस्कृति में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है, महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए पूरी श्रद्धा के साथ यह व्रत रखती हैं. धार्मिक मान्याताओं के अनुसार स्वयं माता गौरी ने भगवान शंकर को पाने के लिए घोर तप करने के बाद भादौं महीने में इस व्रत को किया था. इसलिए इसे गौरा तृतीया व्रत भी कहा जाता है. इस व्रत की विधिवत पूजा करने से व्रती को विशेष लाभ होता है. पुराणों के अनुसार सबसे पहले इस व्रत को देवी पार्वती ने पति के रूप में भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए किया था.  इस दिन स्त्रियां मां पार्वती की कथा भी सुनती हैं, जिसमें पार्वती जी के त्याग, धैर्य एवं एकनिष्ठ पति व्रत की भावना को जानकर मन भावविभोर हो उठता है. इस दिन मुख्य रूप से शिव-पार्वती तथा मंगलकारी गणेश जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है. 


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शुभ मुहूर्त
18 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक तीज व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है और प्रदोष काल में चार प्रहर की पूजा शाम 06 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी.


व्रत के नियम
हरतालिका तीज का व्रत एक खास तरीके से रखा जाता है. महिलाओं को इस दिन निर्जला व्रत रखना होता है, जिसमें उन्हें पूरे दिन कुछ भी नहीं खाना या पीना होता है. इसके अलावा, व्रत के दिन घर और पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ और शुद्ध करना चाहिए. इस दिन किसी प्रकार के विवाद या झगड़े से भी बचना चाहिए. आमतौर पर महिलाओं को काले रंग के वस्त्रों को तीज व्रत के दिन नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यहां तक कि महिलाओं को इस व्रत के दिन और रात में सोना भी नहीं चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)