Lord Shiva: भगवान शिव के नेत्र बंद हो जाएं तो शिव क्या करते हैं? भगवान महादेव के नेत्रों में संसार के हर जीव के जीवन का रहस्य छिपा है. हमें भगवान शिव और माता पार्वती के बीच हुई गूढ़ बात के बारे में महर्षि नारद ने बताया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


शिव-पार्वती लीलाओं पर चर्चा


वृत्तांत है कि एक बार ऋषियों की सभा में नारायण-नारायण करते हुए महर्षि नारद पहुंचे. सभी ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि आप बहुत सही समय पर आए हैं. हम लोग माता पार्वती और भगवान शंकर की लीलाओं पर चर्चा कर रहे थे. आप तो सर्वज्ञ हैं, हम लोगों को कोई ऐसी बात बताएं जो अब से पहले किसी अन्य को पता ना हो. 


 


कैसे प्रकट हुए तीसरी आंख?


इस पर नारद जी ने भगवान शंकर के तीसरे नेत्र के रहस्य की जानकारी देते हुए बताया कि भगवान शिव हिमालय पर्वत पर एक सभा कर रहे थे, जिसमें सभी देवता, ऋषि-मुनि और ज्ञानी जन उपस्थित थे. तभी उस सभा में अचानक माता पार्वती आईं और उन्होंने मनोरंजन वश अपने दोनों हाथों को भगवान शिव की दोनों आंखों पर रख दिया.


 


पूरी दुनिया में छाया अंधेरा


जैसे ही माता पार्वती ने भगवान शिव की आंखों को ढका, सृष्टि में अंधेरा हो गया. ऐसा लगा जैसे सूर्यदेव की कोई अहमियत ही नहीं है. इसके बाद धरती पर मौजूद सभी प्राणियों में खलबली मच गई. संसार की ये हालत देखकर भगवान शिव व्याकुल हो उठे और उसी समय उन्होंने अपने माथे पर एक ज्योतिपुंज प्रकट किया, जिससे संसार फिर से जीवंत हो उठा. 


 


भगवान शिव ने बताई ये बात


यह ज्योतिपुंज भगवान शिव की तीसरी आंख बन कर सामने आया. बाद में माता पार्वती के पूछने पर भगवान शिव ने स्वयं ही उन्हें इसका रहस्य बताया कि अगर वो ऐसा नहीं करते तो संसार का नाश हो जाता. उनकी आंखें ही तो जगत की पालनहार हैं. आंखें बंद होने पर दुनिया कैसे चलती? इसलिए उन्होंने अपनी तीसरे नेत्र को जाग्रत किया.